वाराणसी में सड़क हादसे के दौरान घायल आर्मी के हवलदार का पूरे सैनिक सम्मान के साथ मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव शाहपुर सोमवार की देर रात लाया गया। शाहपुर मुक्खन सिंह यादव पुत्र सिरताज यादव (44 )। जहां पार्थिव शव के आते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना रहा। घर पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही।
कोतवाली के शाहपुर गांव निवासी आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात जवान 44 वर्षीय मुक्खन सिंह यादव की लखनऊ के आर्मी हास्पिटल में उपचार के दौरान बीते 14 नवंबर को निधन हो गया था। जवान जम्मू- कश्मीर बार्डर पर 635 साटा बीटी यूनिट पुंछ राजौरी में तैनात थे। डाला छठ पर्व मनाने के लिए वह 7 नवंबर को जवान मुक्खन सिंह यादव छुट्टी लेकर परिवार के साथ प्रयागराज से घर आ रहे थे। वाराणसी कैंट बस स्टैंड पर बस से सामान उतारते समय गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गये थे। घायलावस्था में परिजन इलाज के लिए तत्काल मिलिट्री हॉस्पिटल गोरखा रेजीमेंट वाराणसी में भर्ती कराये लेकिन चिकित्सकों ने ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया था।
हालत में सुधार नहीं होने पर परिजन 12 नवंबर को सेना के कमांड हॉस्पिटल लखनऊ पहुंचे जहां इलाज के दौरान 14 नवंबर को जवान की मौत हो गयी। इसके बाद मंगलवार की सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधि पहुंचे। पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह पहुंचे और पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। परिजनों से मिलकर ढ़ाढस बधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यहां से उनका पार्थिव शरीर जमानियां घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस दौरान ओम प्रकाश यादव, आकाश यादव, संतोष कुशवाहा, अनिल यादव, प्रमोद यादव, अजय यादव, डॉ. श्याम नारायण सिंह, विजय यादव, मनोज यादव, राजकुमार गुप्ता रहे।