अमौरा गांव के बाबा कीनाराम के खेल के मैदान पर नव जागरण स्पोर्टिंग क्लब अमौरा की ओर से आयोजित फुटबॉल का फाइनल मैच पंजराव बिहार व रक्शाहां यूपी के बीच खेला गया। इसमें यूपी की रक्शाहां की टीम ने पजराव बिहार को फाइनल मैच में हराकर खिताब पर अपना कब्जा जमा लिया।
खेल निर्धारित 45-45 मिनट का रहा। इसमें खेल के पहले हाफ में बिहार की पजराव की टीम ने यूपी की रक्शाहां टीम में एक गोल दागकर अपनी बढ़त बना ली। पुनः दूसरे हाफ में यूपी की रक्शाहां की टीम ने बिहार के पजराव के खिलाफ गोल दागकर खेल को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला चलता रहा। अंत तक दोनों टीमों ने किसी में कोई गोल नहीं कर सकी। समय समाप्त होने पर कमेटी के लोगों ने 5-5 ट्राई ब्रेकर कराने का निर्णय किया।
इसमें रक्शाहां ने बिहार की पजराव को 3-2 के मुकाबले में पराजित कर फुटबॉल के फाइनल मैच की ट्रैफिक अपने नाम कर लिया। खेल शुरू से ही रोमांचकारी रहा। खेल को देखने के लिए गांव के अलावा आसपास के साथ ही बिहार से भी खेल प्रेमी यहां आये हुए थे। खेल का मैन ऑफ द मैच रक्शाहां के नेहाल व मैन ऑफ द सीरीज पजराव के आलम खान को मिला। इस खेल के मुख्य अतिथि पूर्व पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह रहे, जिन्होंने फीता काटकर खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर इसका शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि खेल में हार-जीत लगा रहता है, खिलाड़ियों को निराश नहीं होना चाहिए। कहा कि खिलाड़ी बनन भी एक परिश्रम है। क्योंकि जब सारे लोग अपने घरों में सोते रहते हैं, तो खिलाड़ी सुबह-शाम पसीना बहाकर इस लायक अपने को तैयार करते रहते हैं।
जो सही मायने में खिलाड़ी होता है, वही खिलाड़ियों का दर्द भी समझता है। खेल से आपसी भाईचारा बढ़ता है। इसलिए मैच में कौन हारा, कौन जीता यह ज्यादा मायने नहीं रखता, खेल में अनुशासन ज्यादा मायने रखता है कि किसने टीम में बेहतर प्रदर्शन किया। अनुशासित खेलना ही एक खिलाड़ी का अच्छा पहचान होता है। खेल से ही देश-विदेश में नाम रोशन किया जा सकता है। मैच के निर्णायक तस्लीम अंसारी रहे। वहीं कमेंट्री प्रिंस सिंह ने किया। इस मौके पर रंगनाथ सिंह, परमहंस सिंह, नरेंद्र प्रताप सिंह, कन्हैया सिंह, लाल बच्चन सिंह, ललिता तिवारी, बेचन अंसारी, पूर्व प्रधान सतेंद्र सिंह, प्रिंस सिंह, ओमप्रकाश सिंह, मनोज दिवेशर, राहुल सिंह नसीम खान, संतोष सिंह, राम इकबाल सिंह, विपुल सिंह आदि मौजूद रहे।