विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से वीरपुर पंप नहर की साफ-सफाई का कार्य अब तक शुरू भी नहीं कराया गया है, जिससे किसानों के रबी की फसलों की सिचाई हो पाना कठिन हो गया है। किसानों को सिचाई सुविधा मुहैया कराने की गरज से लगभग पांच दशक का लक्ष्य रखकर इसका निर्माण कराया गया, लेकिन विभागीय व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह नहर मंशा के अनुसार सुविधा मुहैया नहीं करा सकी। देखरेख व साफ-सफाई के अभाव में यह नहर उपेक्षा का शिकार है। यह स्थिति केवल इस वर्ष की ही नहीं बल्कि वर्षों से है।
नहर में टेल तक तो शायद ही कभी पानी गया हो। रबी के सीजन में तो पानी कभी-कभी मांचा या उसके आसपास तो पहुंच जाता है, लेकिन खरीफ के समय तो वीरपुर व उसके आसपास ही खेती करने वाले किसानों को नहर से सिचाई का लाभ मिल पाता है। नहर में पानी न पहुंचने से सिचाई सुविधा न मिल पाने के कारण नहर के काफी करीब खेत होने के बावजूद किसान जितेंद्र नाथ राय, सुरेश यादव, भावनाथ पांडेय, सूर्यबली राय, उपेंद्र भारती, राजेंद्र पांडेय, हरिवंश राय, रामजी राय, धूपन यादव, शिवशंकर यादव जगदम्बा राय सहित कई किसानों ने बाध्य होकर अपना निजी नलकूप भी लगवा लिया है।
किसान अमरनाथ राय, लल्लन पांडेय, रामकरन यादव, रमाकांत यादव, सर्वदेव राय सहित अनेकों ऐसे आज भी हैं जिन्हें नहर में पानी आने की उम्मीद है। सहायक अभियंता अखिलेश कुमार ने बताया कि नहर की सफाई मनरेगा के तहत कराने की प्रक्रिया चल रही है, हालांकि अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है, लेकिन संबंधित ग्राम प्रधानों को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) देकर उनसे शीघ्र सफाई कराने का अनुरोध किया जा रहा है। विधायक के प्रयास से भेजा गया प्रस्ताव
विधायक अलका राय ने बताया कि वह वीरपुर पंप नहर की स्थिति सुधारने के लिए न सिर्फ वचनबद्ध हैं बल्कि प्रयासरत भी हैं। उन्होंने इसके लिए शासन स्तर पर अपने प्रयास के क्रम में सिचाई मंत्री से मिल कर नहर के पक्कीकरण का अनुरोध किया। बताया कि इस कार्य के लिए 13 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। धन अवमुक्त होते ही नहर के पक्कीकरण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।