इलाके में उर्वरक का अभाव होने से किसानों को आलू की खेती को लेकर काफी समस्या पैदा हो गई है। गेहूं की बोआई को लेकर वह चितित नजर आ रहे हैं। इस वर्ष बाढ़ व गुलाबी तूफान के चलते अगेती आलू की रोपाई का कार्य नहीं हो सका। जब किसान आलू की रोपाई का कार्य शुरू किए तो उर्वरक के अभाव से उन्हें जूझना पड़ रहा है।
ब्लाक में कुल 12 साधन सहकारी समिति नोनहरा, सवना, सुखपुरा, फिरोजपुर, सुल्तानपुर, तिवारीपुर, कुंडेसर, बालापुर, परसा, राजापुर, आबादान उर्फ बैरान, फाकराबाद के अलावा चार नकद बिक्री केंद्रों से उर्वरक का वितरण होता है। इन केंद्रों से संबंधित किसान चेक व नकद उर्वरक की खरीद करते हैं। इस समय करीब एक पखवारे से अधिक समय से उर्वरक समितियों पर न आने से किसान बाजार से महंगे दाम पर उर्वरक की खरीद करने को मजबूर हैं। यही नहीं उक्त उर्वरक में मिलावट का खतरा बना रह रहा है।
किसान काशीनाथ यादव, हीरा यादव, अवधेश पांडेय आदि ने बताया कि इस समय उर्वरक न मिलने से खेत की बोआई कैसे किया जाए समझ में नहीं आ रहा है। बाजार में उर्वरक महंगा तो मिल ही रहा है, मिलावट का भी खतरा बना रह रहा है। यूसुफपुर सहकारी क्रय विक्रय समिति के विक्रेता शिवलाल प्रसाद ने बताया कि यूरिया का चेक लगा है। जल्द ही यूरिया आ जाएगी, डीएपी का कुछ पता नहीं है।