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हवा में अभी भी छाए हैं धूल के कण, वाराणसी में 2 दिनों तक बिना मास्क के बाहर न निकलें

दीपावली के बाद से खराब हुई शहर की हवा में गुरुवार को भी छाए धूल के कण काफी मात्रा में रहे, जो सांस के रोगियों के लिए अनुकूल नहीं हैं। इनके चलते धुंध बनी रही। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कालिका सिंह बताते हैं कि हवा की स्थिति में मामूली ही सही सुधार होना शुरू हो चुका है। यह बढ़ा हुआ सूचकांक त्योहार की वजह से बढ़ी वाहनों व लोगों की भीड़ के चलते है, उम्मीद है कि देव दीपावली की भीड़ कम होने के बाद वाहनों की संख्या शहर में सामान्य होते ही स्थिति संतोषजनक होने लगेगी।

गुरुवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार की अपेक्षा 216 से बढ़कर 240 पहुंच गया। शहर के अलग-अलग हिस्सों की बात करें तो अर्दली बाजार में ही यह कम होता दिखा। वहां एक्यूआइ 225 रहा, जो बुधवार को 234 था। भेलूपुर में एक्यूआइ 257, बीएचयू में 215 तो मलदहिया में 264 रहा। समग्र रूप से पूरे शहर की वायु गुणवत्ता आरेंज जोन में बनी हुई है जिसे खराब ही कहा जा सकता है। यह सांस रोगियों व अधिकांश जन के लिए सांसों के लिए बहुत अच्छी नहीं मानी जा सकती। इसी तरह पीएम 2.5 (यानी अत्यंत छोटे धूल के कण) की मात्रा औसतन भेलूपुर में 257, अर्दली बाजार में 225, मलदहिया में 264 तो बीएचयू में 215 रही।

क्या है पीएम 2.5

पीएम 2.5 सबसे छोटे वायु कण होते हैं। इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है। अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये आसानी से हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं और हमारे लीवर, लंग्स आदि को प्रभावित करने लगते हैं। इन कणों के कारण खांसी, जुकाम आदि समस्याओं से लेकर अस्थमा और दिल से जुड़ी बीमारियां तक होने का खतरा होता है। ये कण डीजल वाहनों आदि से कार्बन कणों के साथ भी निकलते हैं।

कितना होना चाहिए पीएम सामान्य रूप से

पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 एमजीसीएम होता है लेकिन यह यहां यह 225 और उससे अधिक है। इसलिए चिकित्सकों की सलाह है कि बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है।

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