सेवराई तहसील के बारा में 15 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई पेयजल टंकी कई माह से महज शोपीस बनी हुई है। जल निगम की लापरवाही से अधूरा कार्य पूरा नहीं हो सका। इसके चलते ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल सका।
नीर निर्मल योजना के तहत बारा में वर्ष 2018 में जल निगम की ओर से पेयजल आपूर्ति के लिए टंकी का निर्माण शुरू हुआ था। पूरे गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई, लेकिन पेयजल सप्लाई की तिथि लगातार बढ़ाई जाती रही है। पहले दिसंबर 2019 के अंत, इसके बाद यह अनुमान लगाया गया था कि यह परियोजना नवंबर 2020 तक पूरी हो सकेगी, लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अतिरिक्त काम बढ़ने के कारण अब शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही शेष कार्य पूरा हो पाएगा।
सर्वे के दौरान गांव के अंदर जमीन मिली थी, लेकिन वह कम पड़ गई। इसलिए गांव के बाहर टंकी का निर्माण कराया गया। इससे 10 किलोमीटर अतिरिक्त पाइप लाइन का काम बढ़ गया। शासन की ओर से रिवाइज स्टीमेट मांगी गई थी। विभाग द्वारा स्टीमेट शासन को भेज दी गई है। अब यह कहा जा रहा है कि शासन से स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा और यह परियोजना पूरी हो सकेगी।
4500 लोगों को दिया जाना है कनेक्शन
क्षेत्र के दो स्थानों पर टंकी एवं सात उच्च प्रवाही ट्यूबवेल लगाए गए हैं। पेयजल टंकी में 2100 लीटर जल संग्रह करने की क्षमता है। 4500 लोगों को कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाना है। यह काम गोरखपुर के एजेंसी विध्यवासिनी कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
नीर निर्मल योजना का 95 फीसदी काम पूरा हो गया है। पाइप लाइन बिछाना, कुछ ट्यूबवेलों में मोटर और कनेक्शन देने का काम शेष है। अतिरिक्त काम बढ़ने के कारण शासन द्वारा रिवाइज स्टीमेट मांगा गया था, जिसे विभाग ने भेज दिया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही काम को पूरा कराकर पेयजल आपूर्ति प्रारंभ करा दी जाएगी।