ऐतिहासिक ददरी के पशु मेला का शुभारम्भ वैसे तो दिवाली के दिन से ही हो गया, लेकिन इसके पूरे रौ में आने में अभी वक्त लगेगा। शुरूआती दिनों में पशुओं की आवक कम है, हालांकि छठ पूजा के बाद मेला के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। दूसेर दिन शनिवार को मेला परिसर में घोड़ा, खच्चर मेला में नजर आ रहे थे। मेला क्षेत्र में शामियाना, टेंट लग तो गया है लेकिन तैयारी आधी-अधूरी ही है। उबड़-खाबड़ खेतों को समतल तक नहीं किया गया है।
मेला में बिक्री के लिए दर्जनों की संख्या में गदहा व खच्चर के साथ पशु व्यापारी पहुंच चुके हैं। पशुओं के खाने व सजाने के लिए दुकानें भी लगने लगी हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की ओर से थाना की स्थापना कर दी गयी है। करीब एक माह तक चलने वाले इस प्रसिद्ध मेले में जिले के अलावा गैर जिलों व गैर प्रांतों से पशुओ की खरीद-बिक्री करने पशु व्यापारी पहुंचते हैं। करीब दो किमी की परिधि में लगने वाले मेला स्थल को चारों तरफ से बैरीकेटिंग अब तक नहीं हो सकी है।
मेला परिसर में अब भी सुविधाओं का अभाव नजर आ रहा है। पहले से समय तय होने के बावजूद नगरपालिका की ओर से हैंडपम्प आदि नहीं लगवाए जा सके हैं। बिजली की भी पूरी व्यवस्था अबतक नहीं हो सकी है। शनिवार को मेला परिसर में पहुंचे सीओ सिटी भूषण वर्मा व नगर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने थाना परिसर व कंट्रोल रुम आदि का जायजा लिया। गैर जनपद से पुलिसकर्मियों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है। ईओ दिनेश विश्वकर्मा का कहना है कि मेला की तैयारी तेजी से हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले दिन शुक्रवार को नपा को 18 सौ रुपये की आमदनी हुई।