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जिलाधिकारी का फरमान, अब बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगाएंगे सफाई कर्मी

गाजीपुर सफाई कर्मियों ने पंचायती राज मंत्री को शिकायती पत्र सौंपकर एक तरफ जहां खुद की परेशानियों को बढ़ा लिया। वहीं डीपीआरओ को भी उलझन में डाल दिया। इस पत्र को जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने गंभीरता से लिया। उन्होंने यह आदेश जारी कर दिया कि अब सफाई कर्मियों का तबादला बीडीओ और सीडीओ की कलम से होगा। डीएम ने फैसला लिया है कि अब गांवों में बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी। इसमें दो बार सफाई कर्मी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगें।

मालूम हो कि बीते दिनों नगर के एक पैलेस में पंचायती राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी का कार्यक्रम था। इस दौरान सफाई कर्मियों ने मंत्री को सात सूत्रीय मांगपत्र सौंपा था। पंचायती राज्य मंत्री इस पत्र को सीडीओ को सौंप दिया। सीडीओ ने उस पत्र को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को प्रेषित कर दिया। 

पत्रक मिलने के बाद जिलाधिकारी की त्योरी चढ़ गई और तत्काल प्रभाव से पालन कराते हुए डीपीआरओ को निर्देशित किया कि अब सफाई कर्मचारियों का तबादला बीडीओ और सीडीओ की संस्तुति से किया जाएगा। जिलाधिकारी का पत्र मिलते ही जिला पंचायत विभाग के कर्मचारियों के होश उड़ गए। पंचायत विभाग में चल रही मनमानी को लेकर सफाई कर्मचारी नेताओं ने खेल को उजागर कर दिया है। 

जिलाधिकारी ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि जिला पंचायत राज अधिकारी रमेशचंद उपाध्याय मनमानेपूर्ण और स्वेच्छापूर्ण तरीके से आएदिन सफाई कर्मचारियों का स्थानान्तरण करते रहते है और बहुत से सफाई कर्मी ऐसे है, जो अपने तैनाती ग्राम पंचायत में नहीं जाते है और उनके स्थान पर या तो कोई डमी कर्मचारी कार्य करता है या वे अनुपस्थित रहते है। इसके बावजूद भी संबंधित ग्राम प्रधान और पंचायती राज कार्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिली भगत से उपस्थिति प्रत्येक माह की कराते रहते है और तद्नुसार वेतन आहरित करते रहते है। जो गलत है। 

अब पंचायती राज विभाग में तैनात सफाई कर्मचारियों का स्थानान्तरण बिना खण्ड विकास अधिकारी की संस्तुति और मुख्य विकास अधिकारी की अनुमति के नहीं किया जाएगा। यदि भविष्य में बिना खण्ड विकास अधिकारी की संस्तुति और मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदन के किसी भी सफाई कर्मचारी का स्थानान्तरण किया जाता है तो उसे गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 

सफाई कर्मिकों की तैनाती के संबंध में निर्गत शासन के आदेशानुसार तैनाती की कार्यवाही की जाय। भविष्य में सफाई कार्मिकों का वेतन आहरण संबंधित खण्ड विकास अधिकारी के पूर्वानुमोदन से किया जाएगा। सफाई कार्मिकों की संबंधित ग्राम पंचायतों में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए खण्ड विकास अधिकारी भी उत्तरदायी होगें। जिला पंचायत राज अधिकारी इसका अनुपालन एवं कियान्वयन सुनिश्चित करायें। गौरतलब है कि सफाई कर्मी अपनी मनमानी करते रहे हैं। 

तमाम कर्मी ऐसे भी है, जो सुविधा शुल्क के बल पर कभी ड्यूटी पर नहीं जाते है। इसको जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए यह आदेश जारी किया है। मंत्री को पत्रक देकर खासकर मन मुताबिक ड्यूटी करने वाले सफाई कर्मियों ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया। डीएम के इस आदेश के बाद अब उनकी यह मनमानी समाप्त हो जाएगी। 

अब नए नियम के अनुसार उन्हें सफाई कर्मियों को स्थानांतरण और वेतन के लिए बीडीओ और सीडीओ की परिक्रमा करनी होगी। ग्राम पंचायतों में आज भी गंदगी फैली रहती है। सफाई कर्मी सफाई करना तो दूर अपने ग्राम पंचायत में जाते तक नही है। जिलाधिकारी के इस आदेश से अब गांवों की सूरत बदलेगी। इस संबंध में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत में साफ-सफाई कार्य में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं की जाएगी। गांवों में बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी। इसमें दो बार सफाई कर्मी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगें।

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