रोपवे का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण के अफसरों ने उसका अध्ययन कर शासन को भेज दिया है। रोप-वे का तय रूट कैंट, साजन तिराहा, रथयात्रा होते हुए गिरिजाघर तक रहेगा। नगर निगम तिराहे से रथयात्रा के बीच में रोप-वे अंग्रेजी के डब्ल्यू आकार में टर्न लेगा। इस परियोजना को भौतिक स्तर पर परखने के लिए प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार बनारस आ चुके हैं। शनिवार की सुबह 10 बजे गिरजाघर से कैंट तक मौका-मुआयना करेंगे।
कैंट, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरजाघर चौराहे पर रोपवे स्टेशन के लिए जमीन चिह्नति की गई है। हालांकि, इसमें कुछ बाधा भी बताई जा रही है। विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि दो दिन पहले शासन को फाइनल डीपीआर भेज दी गई है। कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तिराहे के बीच प्रत्येक डेढ़ मिनट पर ट्राली से यात्री आगे का सफर करेंगे। कैंट स्टेशन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी इंटर कालेज के सामने से रोपवे परियोजना की शुरूआत होगी। शहर में करीब 45 मीटर से ऊंचाई से गुजरने वाले रोपवे को साजन तिराहा, सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरजाघर पर पर पहुंचाया जाएगा।
पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़
पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये का पूरा खाका भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकास ने तैयार की है। वाराणसी विकास प्राधिकरण पूरी परियोजना की नोडल एजेंसी है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वैपकास और वीडीए के बीच संसाधनों की उपलब्धता के लिए एग्रीमेंट किया गया है। रोपवे परियोजना के करीब पांच किलोमीटर लंबे रूट पर 220 ट्राली के संचालन का प्रस्ताव दिया गया है। एक बारगी एक हजार से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। इसमें पूरे दिन में 20 से 25 हजार यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा होगी। वाराणसी रोपवे की सुविधा होने से यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी लाभ होगा।