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गाजीपुर के 10 विकासखंडों में बनेगा कस्तूरबा गांधी छात्रावास और तीन में हास्टल संग होगा एकेडमिक ब्लाक का निर्माण

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए दस ब्लाकों में इन विद्यालयों के परिसर में छात्रावास का निर्माण कराया जाना। इनमें से तीन ब्लाकों में छात्रावास के साथ ही एकेडमिक ब्लाक भी बनेगा। इसके लिए चालीस प्रतिशत धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। इससे पांच ब्लाकों में छात्रावास और दो स्थानों पर एकेडमिक ब्लाक के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से तमाम जतन किए जा रहे हैं। इस क्रम में गाजीपुर जिले के सोलह में से चौदह विकास खंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। इनमें कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को मुफ्त आवासीय शिक्षा दी जा रही है। आठवीं उत्तीर्ण करने के बाद रहने की समस्या आदि होने के कारण कई छात्राएं आगे की शिक्षा से वंचित हो जाती थीं।  

उनकी इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इंटर तक की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विद्यालयों का उच्चीकरण कराया जा रहा है। इसके तहत जिले के दस विकास खंडों में छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा। जबकि इन दस में से तीन ब्लाकों में छात्रावास और एकेडमिक ब्लाक दोनों का निर्माण होगा। 

मरदह, जमानिया, सैदपुर, रेवतीपुर, सादात, देवकली, बाराचवर, कासिमाबाद, जखनिया एवं सदर में छात्रावास बनेंगे। एक करोड़ 77 लाख की लागत से प्रत्येक छात्रावास का निर्माण होना है। इसके लिए चालीस प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। इससे सौ बेड का छात्रावास (एक कक्ष में चार छात्राएं), वार्डेन एवं गार्ड रूम के अलावा पानी टंकी, शौचालय एवं मेस का निर्माण होगा। पांच ब्लाकों कासिमाबाद, मरदह, जमानिया, जखनिया एवं सैदपुर में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वहीं कासिमाबाद, सदर एवं जखनिया में एकेडमिक ब्लाक बनना है। इसमें कासिमाबाद एवं जखनिया में कार्य शुरू हो गया है।

विद्यालयों में सौ-सौ सीटें निर्धारित

जिले में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े जिन चौदह ब्लाकों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खोले गए हैं वहां महिला साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत दर से कम है। जेंडर गैप राष्ट्रीय औसत दर से अधिक है। दो ब्लाकों भदौरा और करंडा में बालिकाओं की साक्षरता दर अधिक होने के कारण यहां पर यह विद्यालय नहीं खोले गए हैं। इन विद्यालयों में सौ-सौ सीटें निर्धारित की गई है। इसमें 75 प्रतिशत सीटें पर पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं के प्रवेश के लिए निर्धारित हैं। जबकि 25 प्रतिशत सीटें सामान्य वर्ग की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के प्रवेश के लिए है।

पांच ब्लाकों में छात्रावास और दो स्थानों पर एकेडमिक ब्लाक के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। अन्य जगहों पर भी जल्द काम शुरू होगा। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी यूपीपीसीएल को सौंपी गई है।- हरिश्चंद्र यादव, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा।

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