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प्रधानमंत्री मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जनता को करेंगे समर्पित, तरक्की के ट्रैक पर दौड़ेगा ‘पूर्वांचल’

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गाजीपुर तक जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण को लेकर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी शनिवार को लखनऊ से इसी मार्ग से निरीक्षण करते हुए आजमगढ़ पहुंचे। उन्होंने बताया कि इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्सप्रेस-वे लोकार्पण करेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम निर्धारण का प्रस्ताव सीएम कार्यालय से पीएमओ को भेजा गया है। इससे पूर्व जिले में एक्सप्रेस-वे के 83.836 किमी. के अधिकांश हिस्से का स्थलीय निरीक्षण किए।

अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि इस बार बारिश कुछ ज्यादा हुई है, जिससे एक्सप्रेस-वे पर कुछ स्थानों पानी लग गया था, जिसे दुरुस्त कराया जा रहा है। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सभी जगह बिजली के तार, लाइटें, सिग्नल लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेन मार्किंग कर ली गई है, रोड पर कंप्लीट है। करीब 97 फीसद कार्य पूरा हो गया है। यूपीडी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सुल्तानपुर में कूड़ेभार में एयर स्ट्रिप को लेकर आज एयर फोर्स के अधिकारियों के साथ भी निरीक्षण किया। इस पर वायु सेना के विमान उतारे जाएंगे।

पेट्रोल पंप का तत्काल लाइसेंस जारी करने के निर्देश : 

अपर मुख्य सचिव गृह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्विस लेन, ट्वायलेट ब्लाक के कार्य को छह अक्टूबर तक पूर्ण करें। डीएम को पेट्रोल पंप का तत्काल लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर पौधारोपण तथा टोल प्लाजा के सभी कार्यां को सितंबर के अंत तक हर हाल में पूर्ण करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी राजेश कुमार, पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह, यूपीडा के अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी थे।

एक्सप्रेस-वे पर प्रति घंटा 160 से 170 की होगी रफ्तार : 

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मार्ग की क्वालिटी अच्छी है। इस पर प्रति घंटा 160 से 170 किलोमीटर की स्पीड से चला जा सकता है। हालांकि 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ही नियम निर्धारित है। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल पार्क के लिए मुख्यमंत्री का प्रस्ताव है, जिस पर कार्य हो रहा है और चिह्नित किया जा रहा है कि कहां-कहां पर इंडस्ट्रियल पार्क बनेगा। क्योंकि इसी से पूर्वांचल के विकास का मार्ग निर्धारित होगा। 

तरक्की के ट्रैक पर दौड़ेगा ‘पूर्वांचल’, दूर नहीं रहेगी दिल्ली : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अस्तित्व में आने के साथ ही नौ जिले विकास की ट्रैक पर दौड़ लगाने लगेंगे। परिवहन सुगम हो जाएगा तो प्रदेश की राजधानी लखनऊ व देश की राजधानी दिल्ली दूर नहीं रह जाएगी। आगरा, मेरठ तक पहुंचना आसान हो जाएगा। 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ जिले के चार तहसीलों के 110 गावों से होकर गुजरा है। जिले से लखनऊ और गाजीपुर तक सफर सुगम हो जाएगा। वर्तमान में आजमगढ़ से फैजाबाद और सुल्तानपुर के रास्ते लखनऊ जाने में पांच से छह घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस-वे से यह दूरी साढ़े तीन घंटे से चार घंटे में तय होगी।

पूर्वांचल के नौ जिलों की बढ़ेगी अर्थिक ताकत:

एक्सप्रेस-वे लखनऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, अंबेडकरनगर, आजमगढ, मऊ, गाजीपुर, बाराबंकी, अयोध्या (फैजाबाद) को छूती हुई गुजरेगी, इसलिए इन जिलों में परिवहन सुगम होने के साथ ही आर्थिक ताकत बढ़ जाएगी। दरअसल, सरकार ने एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाने का निर्णय लिया है। सुरक्षा के लिए थानों के निर्माण किए जाने से कारोबार के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी। 22494.66 करोड़ रुपये लागत वाले एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किमी. है। इस एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक शुरू होते ही पूर्वाचल के लोगों का बड़ा सपना पूरा हो जाएगा। उद्योग- धंधों का मार्ग प्रशस्त होने के साथ ही रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध होंगे। 

यूं तरक्की की राह पर बढ़ेगा आजमगढ़ : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में आजमगढ़ की हिस्सेदारी करीब 84 किमी है। यह एक्सप्रेस-वे जिले में गोरखपुर एक्सप्रेस-वे, एनएच-233 को छूते हुए जाएगी। जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सठियांव, बिजरवा बिलरियागंज, सेहदा, चकिया मुतकल्लीपुर व सोमा अतरौलिया को छूएगा। यही नहीं सरकार औद्योगिक गलियारा भी बनाने जा रही है। किसानों की पांच-पांच एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। यहीं से लोग अपनी राह बदलते हुए गंतव्य तक सरपट पहुंच सकेंगे।

पूर्वांचल में आजमगढ़ की हिस्सेदारी:

जिले में 83.836 किमी का हिस्सा पड़ता है। इसके निर्माण में आजमगढ़ सदर तहसील के 41 गांव, सगड़ी के 15 गांव, निजामाबाद के 22 गांव व फूलपुर के 32 गांव सहित 110 गांवाें के 1020.8117 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई थी। इसमें किसानों ने अपनी 908.1662 हेक्टेयर भूमि बेची थी। ग्रामसभा की भूमि 31.6047 हेक्टेयर भूमि ली गई थी। यह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ में फूलपुर तहसील के ग्राम खंडौरा से तहसील सदर के ग्राम केरमा तक तक है, उसके बाद मऊ जिले की सीमा शुरू हो जाती है।

एक्सप्रेस-वे की संख्या हो जाएगी तीन

प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ अस्तित्व में आने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे की संख्या तीन हो जाएगी। इससे पूर्व तक आगरा-लखनऊ, यमुना एक्सप्रेस-वे ही सूबे की पहचान थी। हालांकि, प्रदेश में पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे संग बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे भी तेज गति से निर्माणाधीन है। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना से लाभ:

  • प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कारीडोर से जुड़ जाएगा।
  • इसके कई हाई-वे से जुड़ने के कारण संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास होने के साथ ही वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत होगी और प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
  • सामाजिक एवं आर्थिक विकास संग कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।
  • विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने की दिशा में एक औद्योगिक कारिडोर के रूप में प्रयोग हो सकेगा।
  • इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान इत्यादि की स्थापना के अवसर मिल सकेंगे।
  • हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना में उत्प्रेरक साबित हो सकेगी।
  • पर्यटन उद्योग के विकास को भी पंख लग सकेंगे।

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