तहसील क्षेत्र के देवल कर्मनाशा नदी में लगाए गए पंप कैनाल का पानी मुख्य नहर के टेल तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसकी वजह से किसानों को अपने धान की सिंचाई करने में काफी परेशानी हो रही है। पानी नहीं मिलने से किसानों के धान की फसल में कई तरह के रोग लग रहे हैं। वहीं अधिकारी व कर्मचारी नहर में पानी नहीं आने से अनजान बने हुए हैं। नहर में पानी नहीं आने की वजह से नहर में बड़े-बड़े घास उग आये हैं।
नहर सूखी पड़ी है। किसान नहर पुलिया पर बैठकर प्रतिदिन नहर में पानी आने का इंतजार करते रहते हैं। लेकिन नहर में पानी नहीं आने से उन्हें निराश होती है। किसान नहर में पानी नहीं आने की वजह से भाड़े पर निजी संसाधनों से सिंचाई करने को विवश हो रहे हैं। इससे उन्हें आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। नहर होने के बावजूद देवल व बरेजी गांव के सिवान में नहर के किनारे करीब 25 से अधिक निजी नलकूप लगाए गए हैं। जहां किसान अपने धान की सिंचाई करते हैं।
मालूम हो कि सेवराई तहसील व जमानियां तहसील को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन मौसम की बेरुखी व सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से धान का कटोरा कहे जाने वाले क्षेत्रों में निरंतर पानी का अभाव बना हुआ है। इससे धान की खेती करने वाले किसान काफी चिंतित रहने लगे हैं। सिंचाई व्यवस्था अच्छी नहीं होने से इस बार धान की पैदावार कम होने का अनुमान है। देवल नहर की लंबाई 11.56 किलोमीटर है।
नहर की क्षमता 30 क्यूसेक है, तो वहीं इसकी सीसीए 810 है। इसके बावजूद मुख्य नहर में उत्तर दिशा की तरफ लहना व बरेजी गांव की नहर पुलिया के पास पानी कई वर्षों से नहीं पहुंच पा रहा है। इससे किसान अपने धान की रोपाई व सिंचाई निजी नलकूप के सहारे कर रहे हैं, जिससे उन्हें दोहरी मार झेलड़ी पड़ रही है।