जनपद में मंगलवार को 2600 मीट्रिक टन यूरिया की खेप पहुंची। हलांकि अभी के समय में यूरिया की खपत कम है, फिर भी जिन किसानों को यूरिया की जरूरत हो वह संबंधित केंद्रों से उठान कर सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी बिकेश पटेल ने बताया कि किसानों को यूरिया की दिक्कत न हो, इसके लिए लगातार डिमांड भेजा जाता रहा है। सीजन के अंतिम समय में भी यूरिया की बड़ी खेप मंगाई गई है। उसे सभी समितियों पर भेजा जा रहा है। जरूरतमंद किसान इसका लाभ ले सकते हैं।
अब तक 36 हजार मीट्रिक टन यूरिया :
जनपद में अब तक 36 हजार मीट्रिक टन यूरिया खरीफ सीजन के लिए जिले में आया है। पिछले वर्ष खरीफ सीजन में 28 हजार मीट्रिक टन यूरिया का प्रयोग किया गया था। इस तरह पिछले वर्ष की अपेक्षा यूरिया की आवक अधिक है। इससे किसानों को इस साल कहीं भी यूरिया की दिक्कत नहीं हुई।
गुणवत्ता में कमी मिलने पर दो लाइसेंस निरस्त : गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत अब तक उर्वरक के 100 नमूने एवं बीज के 161 नमूने लिए गए हैं। उसे जांच के लिए उर्वरक बीज प्रयोगशाला में भेजा गया है। उसमें दो उर्वरक के नमूने अमानक पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त किया गया है। कृरषि अधिकारी ने बताया कि आगे भी गुणवत्ता नियंत्रण का कार्य किया जाएगा। अमानक की स्थिति में संबंधित विक्रेता के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
खेती की अहम जरूरत :
बलिया जिले में खेती का काफी रकबा होने की वजह से खाद बीज की अधिक जरूरत पड़ती रही है। ऐसे में खाद की खरीफ के मध्य सत्र में बहुत ही जरूरत पड़ती है। लिहाजा खेतों में खाद की कमी के दौरान कालाबाजारी की नौबत न आए इसके लिए प्रशासनिक पहल पर यूरिया और अन्य खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की पहले ही तैयारी चल रही थी। अब खाद आने के बाद किसानों को भी समय से खाद वितरित हो सकेगी।