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ऋषि मुनियों के प्रयास का जीवंत प्रमाण है भृगु क्षेत्र का ख्‍यात ददरी मेला

महर्षि भृगु की पावन धरती पर लगने वाला ददरी का मेला ऋषि मुनियों के प्रयास का एक जीवंत प्रमाण है। भृगु क्षेत्र में लगने वाला इस मेले का इतिहास काफी पुराना है। आज भी विभिन्न पर्वों पर देश के कोने-कोने से लाखों हिंदू गंगा स्नान के लिए बड़ी श्रद्धा से आते हैं और गंगा में स्नान कर अपने को धन्य समझते हैं। गंगा की जलधारा को अविरल बनाए रखने के लिए ऋषि मुनियों के प्रयास का जीवंत प्रमाण है भृगु क्षेत्र का ददरी मेला। 

महर्षि भृगु ने सरयू नदी की जलधारा को अयोध्या से अपने शिष्य दर्दन मुनि के द्वारा बलिया में मिलाया था। उन्हीं के नाम पर ऐतिहासिक ददरी मेले का आयोजन हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद से ही शुरू हो जाता है। प्राचीन मेले की परंपरा के मुताबिक पहले नंदी ग्राम मेले को आयोजन होता है। मीना बाजार का कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद शुरू हो जाता है। मुगल सम्राट अकबर ने प्राचीन और पौराणिक मेले में मनोरंजन के लिए मीना बाजार शुरू कराया था।

ऐतिहासिकता : सन् 1302 में बख्तियार खिलजी ने अंगदेश (वर्तमान बिहार) को काटकर वर्तमान बलिया बनाया। यह भू- क्षेत्र अकबर और औरंगजेब के शासनकाल 1707 तक ऐसे ही उनके जागीरदार लोगों के अधीन रहा। मेले की व्यवस्था संत लोग ही करते रहे। 1739 से 1764 तक इसे काशी के राजा बलवंत सिंह का संरक्षण मिला। 1798 में जब गाजीपुर जिला बनाया गया तब बलिया तहसील बना। उसी समय से कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और ददरी मेले का प्रबंध गाजीपुर के जिलाधीश के निर्देश में परगनाधिकारी बलिया ने किया। 

एक नवंबर 1879 में जब बलिया को जिला बनाया गया तब से बलिया के जिलाधिकारी के निर्देशन में इस मेले की समस्त शासकीय व्यवस्था जिला प्रशासन व नगरपालिका बलिया द्वारा की जाने लगी। मेले में स्थापित होने वाले एतिहासिक भारतेंदु कला मंच पर धर्मपरायण धार्मिक सत्संग, प्रवचन, दंगल के साथ ही ददरी महोत्सव का कार्यक्रम हाेता है। कार्तिक पूर्णिमा के पूर्व संध्या पर भव्य गंगा आरती का आयोजन होता है। गंगा तमसा के तट पर पूरे कार्तिक मास संत कल्पवास करते हैं।

ददरी मेला के आयोजन को नपा ने भेजा प्रस्ताव: ददरी के ऐतिहासिक मेले के आयोजन को लेकर नगर पालिका परिषद तैयारी में जुट गया है, इसके लिए संभावित तिथि का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेज दिया है। नगरपालिका की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में ददरी मेला में लगने वाले मीना बाजार के शुभारंभ की तारीख 19 नवंबर दी गई है। नंदी ग्राम के शुभारंभ के लिए छह नवंबर की प्रस्तावित है। जिला प्रशासन ने स्वीकृति मिले ही तैयारियां शुरु कर दी जाएंगी। नगरपालिका चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी ने कहा कि ददरी मेला के आयोजन की प्रक्रिया गतिमान है। संभावित तिथि का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया है। अनुमोदन मिलते ही तैयारियां शुरू कर दी।

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