गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी घुस गया है। केले के खेतों में पानी घुसने से नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं। रेवतीपुर ब्लाक में लगभग एक हजार बीघा से अधिक क्षेत्रफल में केले की खेती किसानों ने की है। खेतों में पानी घुसने से अब किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं।
एक माह बाद ही केले की खेती में फल आना शुरू हो गया था। इसकी बिक्री भी एक माह बाद चालू हो जाती है लेकिन लगातार जलस्तर बढ़ने की वजह से किसानों के केले के खेत में पानी घुसना शुरू हो गया है। पानी बढ़ने की वजह से केले की खेती को काफी नुकसान होगा। केले की खेती करने में एक बीघे में लगभग 60000 का खर्च आता है।
कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने अकेले 20 से 25 बीघे में इसकी खेती की है तो कई ऐसे भी हैं जिन्होंने महंगे दाम पर खेत पेशगी लेकर खेती की है। खेत में पानी आ जाने की वजह से लगे हुए फल-पौधा समेत गिर जा रहे हैं। अब उनको वर्ष भर की रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। किसानों का कहना है कि केले की खेती को लेकर सरकार की ओर से कोई बीमा की सुविधा नहीं है।