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गाजीपुर: गंगा नदी ने सालों पुराना रिकार्ड तोड़ा, DM के बंगले में घुसा पानी, आज का गंगा का जलस्तर 64.610 मीटर रिकार्ड

गंगा 2019 के रिकार्ड 64.530 मीटर को तोड़ते हुए आगे निकल गईं। आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव के साथ गुरुवार को दोपहर दो बजे तक गंगा का जलस्तर 64.610 मीटर रिकार्ड किया गया। पानी जिलाधिकारी आवास में प्रवेश कर चुका है।

बंगले के बाहर की सड़कों पर पानी बह रहा है। इसके अलावा साई बाबा के मंदिर में पानी बढ़ रहा है। वहीं पोस्ता घाट का मंदिर भी डूब रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों किसानों की फसलें गंगा में डूब कर बर्बाद हो चुकी हैं। सैकड़ों परिवार पलायन करके स्कूलों एवं सड़क के किनारे शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के पानी से ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्रों में भी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। नगर का नखास, लकड़ी का टाल, तुलसिया का पुल आदि मोहल्ला में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं बंधवा क्षेत्र में बाढ़ का पानी आ चुका है लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। 

हजारों क्यूसेक पानी कर्मनाशा में छोड़ा

भदौरा : चंदौली के लतीफशाह बीयर से 14 हजार क्यूसेक व मुजफ्फरपुर बीयर से 5249 क्यूसेक पानी ओवरफ्लो होकर कर्मनाशा में गिर रहा है। वहीं, मूसाखाड़ बांध से 1089 क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया। इससे कर्मनाशा उफान पर है। तटवर्ती सेवराई तहसील क्षेत्र के बारा, कुतुबपुर, मगरखाई, हरिकरनपुर, भतौरा, दलपतपुर, सायर, रायसेनपुर गांव की स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। इन गांवों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। कई स्कूल डूबे, बारा गांव में प्रवेश कर गया पानी

भदौरा : कुतुबपुर, मगरखाई, भतौरा, सायर गांव में स्कूल पानी में डूब गया हैं। कुतुबपुर, मगरखाई, भतौरा, दलपतपुर, हरिकरनपुर, सायर, रायसेनपुर पहले ही कर्मनाशा के पानी से घिर चुके हैं। गंगा का पानी नालों के माध्यम से बारा में प्रवेश करने से गांव दो हिस्सों में बंट गया है। अब कर्मनाशा का पानी भी गांव में प्रवेश कर गया। एसडीएम रमेश मौर्य ने बताया कि हालात पर नजर रखी जा रही है। पुलिस प्रशासन को सचेत कर दिया गया है। 

याद आई 1978 बाढ़ की विभीषिका- बाढ़ के पानी को इतनी ऊपर पर देखकर गांवों में 1978 व 2013 की बाढ़ की विभीषिका याद आ गई है। उस दरमियान भी गंगा एवं कर्मनाशा का पानी इसी तरह से फैलता हुआ गांवों में घुस गया था और कच्चे मकान बाढ़ में धराशाई होने लगे थे। उस समय बहुत बड़े पैमाने पर लोगों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ा था और हजारों लोगों ने पलायन कर ऊपरी हिस्सों में शरण ली थी।

बिगड़ रही स्थिति, बढ़ रहीं दुश्वारियां

गाजीपुर के खानपुर के खरौना गांव में पूरब और उत्तर से गंगा और दक्षिण और पश्चिम की ओर से गोमती नदी ने घेर लिया है। दर्जनों परिवार अपने घरों को छोड़ नौका या ऊंचाई वाले पड़ोसियों के यहां शरण लिए हैं। सिधौना के सुरभानचक और मल्लाह बस्ती पूरी तरह से टापू बन चुके हैं। गौरहट और तेतारपुर के बीच दर्जनों परिवार के लोग घरों में पानी घुसने से छतों पर जाकर रह रहे हैं। 

गंगा गोपालपुर, शादिभादि, पटना, कुसही, हथौड़ा, मड़ई के खेतों को डुबोते हुए रामपुर इशोपुर को जलमग्न कर रही हैं। गौरहट और तेतारपुर में बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की गई। गौरहट में एक सौ अस्सी परिवारों को नायाब तहसीलदार राहुल सिंह के हाथों खाद्य सामग्री दी गई। प्रभावित खरौना कुसही और पटना में एसडीएम सैदपुर विक्रम सिंह स्थलीय निरीक्षण कर बाढ़ प्रभावित परिवारों से मिले। 

हो रही वर्षा, शरणार्थियों की बढ़ा रही, मुसीबतें

करंडा में रह रहकर हो रही वर्षा शिविर में शरण लिए बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। खुले में रह रहे जानवर वर्षा के पानी में लगातार भींग रहे हैं। खाना बनाने खाने में भी काफी दिक्कतों का सामना पड़ रहा है। राजस्व विभाग द्वारा जानवरों के खाने के लिए प्रति जानवर दो छिट्टा भूसा वितरित किया जा रहा है। हालांकि यह नाकाफी है। क्षेत्र में चार स्थान गोसन्देपुर काली मंदिर, नटवा बाबा, दीनापुर नहर पुलिया, दीनापुर उच्च प्राथमिक विद्यालय पर शिविर बनाकर लोग रह रहे हैं। 

इसमें गोसन्देपुर काली मंदिर पर शरण लिए लोगों में बुधवार के दिन राहत सामग्री का वितरण सदर एसडीएम व तहसीलदार की मौजूदगी में किया गया। जानवरों के खाने के लिए दीनापुर नहर पुलिया पर और नटवा बाबा के पास भूसा का वितरण किया जा रहा है। करंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम राहत शिविर में पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों का लगातार मेडिकल चेकअप कर रही है।साथ ही जरूरत के हिसाब से दवाएं दी जा रही हैं।

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