गंगा में जल वृद्धि से छोटे से लेकर बड़े नाला भी उफान पर हैं। ऐसा ही कुछ नजारा जिला अधिकारी आवास के ठीक बगल में देखने को मिल रहा है। नाले में उफान से वहां बनी पुलिया भी क्षतिग्रस्त होने के कगार पर है। बाढ़ के बीच डीएम आवास की चहारदीवारी से सटे नाला पर बने पुलिया पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सड़क के किनारे की तरफ से पुलिया धंस रही है। इससे पुलिया की दीवार में दरार पड़ गई है। मौके पर पहुंचे सदर तहसीलदार मुकेश सिंह ने पुलिया का जायजा लेते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। नगरपालिका अधिशासी अधिकारी लाल चंद्र सरोज ने बताया कि पुलिया सुरक्षित है। उससे लगी दीवार में कुछ दरार आ गई हैं जिसे बैरिकेड करा दिया गया है। पानी से घिरे बाण क्षेत्र से नावों से पलायन शुरू।
जमानियां : गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण तहसील प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से पांच शरणालय व 37 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। गंगा की उफान मारती लहरों से चारों तरफ से घिरे देवरिया, सब्बलपुर, मतसा बाण के लोग घर गृहस्थी के सामानों, पशुओं को नावों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। वहीं, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एसके रावत ने बाण क्षेत्र का जायजा लेकर पशुओं के चारा व टीकाकरण का जायजा लेकर भूसा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। करंडा के बयेपुर देवकली से काफी नजदीक इस बाण में बसे लोग पशुपालन और दियारा में सब्जी आदि की खेती करते हैं। पिछली बार वर्ष 2013 में आई भयानक बाढ़ के दौरान भी यहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में प्रशासन को सख्त रूख अपनाना पड़ा था। चारों तरफ से गंगा के बीचों बीच स्थित यह बांड टापू जैसा दिख रहा है। यहां आवागमन का एक मात्र सहारा नाव ही है। वहीं गंगा नदी के किनारे बसे गांव में बाढ़ का पानी सिवानों में पहुंच गया है। हरपुर, मतसा, डुहिया, मलसा, देवरिया, बैरनपुर, खांवपुरा, ताजपुर, सिवान के निचले स्तर में भी बाढ़ का पानी आ गया है। तहसीलदार घनश्याम ने बताया कि बाण सहित गंगा के तटवर्ती गांवो में राजस्व कर्मी, आशा, पशु विभाग, कोटेदार, नौकाचालक, गोताखोर आदि टीम का गठन कर सभी को लगाया गया है। गंगा में 37 तो कर्मनाशा में 13 बाढ़ चौकी स्थापित ।
गंगा की विभीषिका को देखकर तहसील प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत कार्य के लिए गंगा और कर्मनाशा के लिए कुल 50 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। तटवर्ती ग्रामों को अतिसंवदेदनशील, संवेदनशील और सामान्य श्रेणी में बांटा गया है। गंगा नदी से प्रभावित होने वाले कुल गांव की संख्या 124 है जिसमें से 23 अतिसंवेदनशील, 49 संवेदनशील और 52 सामान्य गांव है, जिसके सापेक्ष 37 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। वहीं कर्मनाशा नदी में अतिसंवेदनशील तीन, संवेदनशील 11, सामान्य 18 गांव है जिसके सापेक्ष 13 चौकी बनाई गई है। हालांकि कर्मनाशा का जलस्तर थम गया है। राजस्वकार्मियों को नदी किनारे गांवों में भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग व पशुपालन विभाग भी टीम गठित कर बाढ़ चौकियों पर कर्मियों की तैनाती कर चुका है।
रेवतीपुर: उपजिलाधिकारी सेवराई रमेश मौर्या, खंड विकास अधिकारी सुरेश सिंह राणा, पूर्व ब्लाक प्रमुख मुकेश राय एवं क्षेत्रीय लेखपाल सहित अन्य कर्मचारियों ने बाढ़ प्रभावित गांव का नाव से निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए। वही मुख्य केंद्र रेवतीपुर ब्लाक मुख्यालय के समीप स्थित नेहरू विद्यापीठ इंटर कालेज को शरणार्थियों के लिए रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है।