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गाजीपुर जनपद में नहीं थम रहा कटान का सिलसिला, दहशत में किसान

गंगा में पिछले तीन दिन से कटान का कहर जारी है। हालत यह है कि कटान थमने का नाम नहीं ले रहा है। छानबेवां पुरवे के 90वां मौजे से शेरपुरकलां गांव के दक्षिण तप शनिवार की रात में दो दर्जन से अधिक किसानों का लगभग 12 बीघे फसल लगे खेत व कई पुराने पीपल आदि के पेड़ भी गंगा की धारा में समाहित हो गये हैं। 

डेढ़ दशक से कटान में 500 एकड़ से अधिक खेती योग्य भूमि गंगा नदी की कटान से नदी में विलीन हो गई। शेरपुर ग्राम पंचायत के धर्मपुरवा, भांगड़नाले से पानी आमघाट, महेशपुर, रानीपुर, फखनपुरा, कुन्डेसर से आगे तमलपुरा भांगड़नाले तक भरकर खेतों को डुबोने लगी है। इससे खेतों में लगी मिर्च, अरहर आदि फसलें डूब रही हैं। 

धर्मपुरा व फिरोजपुर गांव पंचायत के पास आने जाने वाले एक मात्र पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे फिरोजपुर आदि गांवों का संपर्क टूट गया। आवागमन के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं। मैदानी इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से शेरपुर, नकटीकोल, रानीपुर फखनपुरा, कुन्डेसर आदि गांवों में बडे़ पैमाने पर मिर्च व टमाटर, करैला, लौकी आदि की फसल बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका से सब्जी उत्पादक किसानों के चेहरे पर मायूसी ही जा गयी है। शेरपुर गांव पंचायत का छनबैया, मुबारकपुर, मांघी,पच्चासी, गहमर बांड़ आदि पुरवे पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है।

गांवों में बेसो नदी का पानी, मची अफरा-तफरी

कठवामोड़ क्षेत्र के बेसो नदी काफी उफनाने लगी है। पानी बढ़ने के चलते शनिवार की शाम चौराहा के पास बनी पुलिया भी डूब गई। इससे क्षेत्र के लोगों को गाजीपुर जाने का संपर्क भी टूट गया है। 24 घंटा के अंदर 4 फिट जल स्तर बढ़ गया है। इसका बढ़ाव अभी भी जारी है। बेसो नदी के तटवर्ती इलाकों में पानी आ जाने से लोग आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेते देखे गये। बाढ़ को लेकर इन क्षेत्रों में हड़कंप मचा गया है। कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इससे अफरा-तफरी मच गयी है। 

कई हजार बीघे धान की फसल, बाजरा व पशुओं का चारा भी डूब गया है। क्षेत्र के किसानों के माथे पर बल पड़ गया है। चौरहीं पुलिया डूबने के बाद भारी वाहनों और लोगों का आवागमन चालू है। इसके चलते इसे टूटने का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र के लोगों ने इसकी सूचना नोनहरा पुलिस को दी, लेकिन इसपर कोई रुकावट नहीं की गई है। जंगीपुर से चौरहीं होते हुए लोग गाजीपुर घाट की तरफ निकल जा रहे हैं। अगर इस तरफ से आवागमन बंद नहीं किया गया, तो पानी का तेज बहाव पुलिया टूट सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है। क्षेत्र के रसूलपुर कंधवारा, पकड़ी, हंसी, फतेहपुरअटवा, खालिसपुर, नगवां, जल्लापुर, बोरसिया, चौराहीं आदि गांवों में बेसो नदी का पानी प्रवेश करने से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है।

नालों के जिरये निचले इलाकों में पहुंचने लगा गंगा का पानी

करंडा क्षेत्र के निचले इलाके में गंगा का पानी पहुंचने से कई आशियाना बाढ़ से घिर गया है। वहीं समीप स्थित खेत भी जलमग्न हो गयी है। इसे लेकर ग्रामीणों में और दहशत बन गयी है। लगातार पानी बढ रहा है। मैदानी इलाकों के नालों के सहारे निचले जगहों पर पानी भरने लगा है। किसानों की फसल डूबने लगी है। इसे लेकर किसान चिंतित होने लगे हैं। किसानों की खेती में बैगन, मिर्च, टमाटर आदि सब्जी डूब गयी हैं। किसान अपने आंखो से अपनी फसलों की बर्बादी देखने को विवश होने लगे हैं। 

गंगा का जलस्तर बढ़ने से बड़ेसरा श्मशान घाट पर पहुंचा पानी

ज़मानियां में गंगा में लगातार जलस्तर बढ़ने के कारण बड़ेसरा श्मशान घाट पर बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इससे दाहसंस्कार करने आये लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। रविवार को गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण कटान रोकने के लिये बिछाये गये बोल्डर भी डूबने लगा है। तटवर्ती इलाके में रहने वालों में डर समाने लगा है। उधर, क्षेत्र के मथारा, हरपुर, मतसा आदि इलाकों गांवों के सिवान तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इसके चलते पशुओं को चराने में कठिनाई होने लगी है। जलस्तर का बढ़ाव इसी तरह चलता रहा है, तो जल्द गांवों में नांव चलाने की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

बढ़ा रहा तेजी से गंगा का जल सतर, कामाख्या धाम-रेवतीपुर बाईपास मार्ग जलमग्न

गहमर में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण स्थानीय गांव के लोगों की मुसीबत बढ़ने लगी है। विगत दिनों लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण कामाख्या धाम-रेवतीपुर बाईपास मार्ग जलमग्न हो गया। इससे हसनपुरा, नागदिलपुर, रेवतीपुर आने-जाने का संपर्क टूट गया है। सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को हो रही है। पशुओं के चारे की फसल डूब जाने के कारण मवेशियों के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। दूसरी तरफ गहमर गांव के उस पार दियरा के किसान अपने मवेशियों व सामान के साथ गांव नहीं आ पा रहे हैं। 

दुर्घटना की आशंका से पुलिस की ओर से गंगा में नावों का संचालन रोक दिया गया है। इससे गंगा पार दियरा में किसान अपने पशुओं के साथ फंस गए हैं। टीवी रोड से गंगा घाट की तरफ जाने वाला मार्ग हनुमान चबूतरा के आगे पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। वहीं हनुमान चबूतरा के पास बसी चौहान बस्ती चारों तरफ से पानी से घिर गयी है। बाढ़ का पानी उनके घरों में प्रवेश करने स्थिति में आ रहा है। 

वहीं दूसरी तरफ कर्मनाशा भी कहर बरपा रही है। कर्मनाशा के बाढ़ से भतौरा, मनिहर बन स्थित राजभर बस्ती, सायर, पकवलिया, राजमल बांध आदि गांव के लोग काफी परेशान हैं। गंगा के जल स्तर में हो रही तेजी से बृद्धि से गांव के हर घाटों पर स्थिति काफी खराब हो गई है। नरवा घाट की कुल 64 सीढ़ियों में से बस दो सीढ़ी पानी में डूबने से बची है। लगभग यही स्थिती गहमर सोझवा, पंचमुखी, बाघनारा, मठिया आदि घाट की है। कटान काफी तेजी से शुरू हो गया है। तटवर्ती मल्लाह बस्ती के लोगों ने बताया कि विगत 24 घंटे में लगभग ढाई से तीन फिट पानी बढ़ा है।

धीरे-धीरे बढ़ रहा टौंस नदी का पानी

बहादुरगंज क्षेत्र स्थित टौंस नदी का जल सतर भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। बढ़ रहे गंगा के जल स्तर के चलते इसकी सभी सहायक नदियों में पानी बढ़ने लगा है। वहीं टौंस नदी का पानी भी इसके चलते बढ़ने लगा है। किनारे घाटों की सीढ़ियां डूबने लगी हैं। नदी के उस पार रहने वाले ग्रामीणों में दहशत बढ़ने लगा है। कस्बा में स्थित टौंस नदी बरसात के दिनों में जब नदी बाढ़ से विकराल रूप ले लेता है, तो किसानों की खेती पर बुरा असर पड़ता है। यही नहीं नदी के उस पार रहने वालों लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

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