बाढ़ के बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए प्रभावित इलाके की बिजली काट दी गई है। जिसमें मारुति नगर, गायत्री नगर विस्तार, गंगोत्री विहार, नगवां हरिजन बस्ती की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई है। मारुति नगर कॉलोनी में बाढ़ का पानी आठ फीट तक बढ़ गया है। जिसमें फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
मंगलवार की शाम तक एनडीआरएफ की टीम ने तीन बोट से 200 लोगों को सुरक्षित निकाला है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के साथ ही सम्बंधित अधिकारियों को राहत सामग्री बांटने और मदद के निर्देश दिये। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने सामनेघाट , भगवानपुर , नगवां क्षेत्र के लोगों से मिलकर मदद का भरोसा दिलाया।साथ ही विधायक ने समस्या झेल रहे लोगों के लिए मां गंगा से वापस जाने की प्रार्थना की।
बस्ती के लोगों ने खुद के पैसे लगवाए टेंट : नगवां हरिजन बस्ती में भी बाढ़ का पानी अस्सी नाले से घुस गया। यहां बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों को राहत शिविर में जगह मिला तो दस परिवार के लोग लंका थाने के पीछे खाली जमीन में खुद के पैसे से टेंट लगवाकर रह रहे हैं। इन लोगों के सामने विकट परिस्थिति को देखते हुए खाने की समस्या हो गई है।
राहत शिविर में लगा स्वास्थ्य कैंप : नगवां प्राथमिक विद्यालय में बने राहत शिविर में 9 परिवार के लोग रह रहे हैं। बाढ़ ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर बनाकर डॉक्टर और दवाएं उपलब्ध हैं। मेडिकल कैंप में तैनात चिकित्सक डॉक्टर आर.के. तिवारी ने बताया कि इस समय सर्दी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। क्षेत्र के लोगों को क्लोरीन की गोली भी बांटी गई है।
राहत सामग्री वितरित : बाढ़ आने के बाद से ही कई सामाजिक संगठन राहत सामग्री वितरित करने के साथ ही लोगों से संपर्क कर उनकी जरूरतों के बारे में भी जान रहे हैं। मंगलवार से सामाजिक संगठनों की सक्रियता अब आगे और भी होगी।