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गाजीपुर में गंगा नदी में घटाव के साथ ही करईल सहित आधा दर्जन गांवों में बढ़ रहा है बाढ़ का पानी

गाजीपुर जिले में जहां दो दिनों से गंगा नदी का पानी घट रहा है वहीं करईल के सियाडी, सरदरपुर,महेंद्, सोनवनी, गोड़ऊर, फतुलहां आदि गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है जिससे किसानों की एक मात्र आमदनी का श्रोत धान की फसलें अब अंतिम साँस गिन रही हैं. 

जिससे आने वाले दिनों में ईन गांवों के किसानों के सामने जीवन यापन करने की एक बड़ी समस्या उत्पन हो गई है सबसे ज्यादा यदि किसी गाँव को नुकसान है तो वो सियाडी गाँव है जिसके चारों तरफ़ से उपरवार से बहकर पानी उनके गाँव में आ रहा है जिसके चलते वहां जीवन अस्त व्यस्त होता दिख रहा सियाडी संपर्क मार्ग और अनन्या राय मार्ग पानी में डूब गए हैं और थोड़ा बहुत जो बचा है ऐसे ही पानी का बढाव रहा तो वो भी जल्द ही डूब जाने के संभावना है गाँव के चारों तरफ़ पानी घेर लिया है. 

जिससे गाँव दूर से देखने पर टापू की तरह लग रहा है सबसे ज्यादा परेशान सियाडी के किसान दिखाई दे रहे हैं जिनकी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं या अंतिम साँस ले रही हैं किसानों में जगदीश राय, नंदन राय, अशोक राय, मनोज राय,राकेश राय, उपेन्द्र यादव, जयशंकर राय, ओमप्रकाश राय, ठाकुर जी, उपेन्द्र राय, आनंद शंकर राय, यमुना राय, हरदेव राय,दिवाकर राय, रमाशंकर राय मास्टर,मुटन राय, गप्पू राय,उमेश राय उर्फ़ गागुल राय, रामजी राय, अखिलेश्वर राय, बृजेश राय, मक्सुदन राय, जनार्दन राय मास्टर, जयशंकर राय मास्टर, उमा राय, शिवजी राय, राजीव राय, रविन्द्र राय, सुभाष राय, प्रभुनरायन राय, सचिता राय, अवधेश राय, विवेका तिवारी आदि सैकड़ों किसानों की फसल डूब कर शत प्रतिशत नष्ट हो चुकी है. 

जिससे ईन किसानों के माथे पर बल पड गया है सियाडी के सैकड़ों किसानों का करोडों रुपये का फसल नुकसान हो गया है वहीं दर्जन भर किसानों का कोई बीमा नहीं है जिससे उनका नुकसान की भरपाई कैसे सरकार करेगी ये देखने वाली बात होगी यहां बाढ़ हर एक दो साल के अन्तर पर आ जाती है जिससे आज तक किसानों की आय में कोई सुधार नहीं हो सका अब ईन किसानों का कहना है कि आगे की घर की रोजी रोटी चलाना ही सम्भव नहीं लगता इनका कहना है कि इस इलाके को छोड़कर पलायन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा क्योंकि करईल में हर वर्ष आ रही बाढ़ से हमारी स्थिति नारकीय हो गई है. 

यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पानी निकास और बाढ़ रोकने को लेकर इनके पास कोई प्लान नहीं है और ना ही किसानों को इनके द्वारा कोई सहयोग मिलता है ईन किसानों का कहना है कि हमरी स्थिति बुंदेलखंड के किसानों से भी बदत्तर है किसानों या गाँव वालों को अब तक सरकार या शासन के तरफ़ से कोई राहत नहीं मिला है तीन-चार दिन पहले यहां तहसील मुहम्मदाबाद के कुछ कर्मचारी आए थे लेकिन वो किसी बाढ़ पीड़ित व्यक्ती से मुलाकात नहीं किए और ना ही कोई राहत कार्य के बारे में पीड़ितों को बताया गया दूर से ही गाँव को देखकर चले गए जिसको लेकर यहां के किसानों और गाँव वालों में आक्रोश है. 

अभी तक कोई जनप्रतिनिधि इनकी समस्या देखने तक नहीं आया करोड़ों रुपये के धान की फसल को अंतिम साँस लेते और लिंक रोड़ दिन प्रतिदिन डूबते हुए देखकर गाँव वाले हताश होकर यही सोच रहे हैं कि अगर हमारे जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ की समस्या को वर्षों पहले यदि निराकरण करा दिया होता तो आज हमारे सामने गाँव छोड़कर पलायन करने की स्थिति उत्पन नहीं होती फ़िलहाल यहां के किसानों की माँग है कि उनका फसल नुकसान की भरपाई सरकार करें और उनका सभी कर्ज सरकार द्वारा माफ़ किया जाय साथ ही शासन द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ राहत का लाभ अविलंब उपलब्ध कराया जाय ताकि उनकी ज़िंदगी कुछ सहज हो इसके साथ ही कृषि विभाग से तत्काल फसलों का मुआवजा दिलाने की माँग की है ज्ञात हो कि सियाडी गाँव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो चुका है और यहां पानी अभी भी लगातार बढ़ रहा है.

इस सम्बंध में समाजसेवी धनंजय राय, विपिन राय, राम सजीवन राय ने कहा कि जल्द ही हम लोग गाँव वालों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री माननीय योगी जी और बलिया के सांसद माननीय श्रीवीरेंद्र सिंह जी से मिलकर करईल के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर स्पेशल राहत पैकेज की मांग का ज्ञापन सौंपेंगे जिससे करईल की सड़कों से लेकर किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सके.

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