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गाजीपुर जिले में घट रही है गंगा, मगर कई इलाकों में अभी भी बरकरार है दुश्वारियां

गाजीपुर जिले में करीब बीस दिनों से अपने विकराल रूप से हजारों लोगों को परेशान और साथ ही सैकड़ों को बेघर करने वाली पतित पावनी गंगा अब अपने स्थान की ओर लौटने लगी हैं। इससे पीड़ित राहत की सांस लेने लगे हैं। लेकिन दुश्वारियां अभी भी बरकरार है। नीचले इलाकों में अभी भी गंगा का कब्जा में बना हुआ है। बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इससे किसानों के माथे पर नुकसान का बल पड़ गया है। पशुओं के सामने चारा की समस्या खड़ी हो गई है, जिससे पशुपालक परेशान हैं। जिन स्थानों से बाढ़ का पानी हट रहा है, वहां पर दुर्गंध उठ रही है। इससे लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा है।

मालूम हो कि करीब दस दिन पहले गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी थी। वह खतरा के निशान को पार करते हुए चटवर्ती इलाकों के कई गांव में प्रवेश कर दी गई थी। गाजीपुर जिले के जमानिया, करंडा, रेवतीपुर, सैदपुर, भांवरकोल, मुहम्मदाबाद, सेवराई सहित अन्य क्षेत्रों के सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था। इससे सैकड़ों लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा था।

नाला के माध्यम से शहर के कई नीचले इलाकों में भी गंगा नदी का पानी घुस गया था, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थी। बाढ़ की वीभिषिका को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में नाव का संचालन शुरु करा दिया था, जिसके सहारे पीड़ित अपने जरूरी सामानों को निकालकर बाढ़ शिविरों के साथ ही अन्य सुरक्षित स्थानों तक पहुंचे थे। करंडा ब्लाक के महाबलपुर में अभी भी दर्जनों पीड़ित सड़क किनारे प्लास्टिक की चादर डालकर मवेशियों के साथ रह रहे हैं। गजीपुर जिले के विभिन्न इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ में डूब गई थी। इसी बीच करीब चार दिन पहले गंगा नदी में घटाव का क्रम शुरु होते ही पीड़ितों के चेहरों पर इस बात से खुशी आने लगी है कि अब गंगा घट रही है। पानी पूरी तरह से निकल जाने के बाद वह फिर से अपने घरों में लौट जाएंगे।

कई इलाकों से जहां पानी निकल गया है, वहीं तमाम इलाकों में अभी भी पतित पावनी गंगा नदी ने कब्जा जमाए रखा है और लोगों की दुश्वारियां बरकरार है। जिन स्थानों से बाढ़ का पानी हट रहा है, उस स्थान से उठ रही बदबू से लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा हैं। प्रशासन की तरफ से इन स्थानों पर अभी तक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव शुरु नहीं कराया गया है। बाढ़ की वजह से पशु पालकों के सामने चारा का समस्या खड़ी हो गई है। हालांकि पाड़ितों में इस बात का संतोष है कि गंगा नदी घट रही है। वह कयास लगा रहे हैं कि यदि लगातार घटाव जारी रहा तो कुछ दिन में पतित पावनी माँ गंगा फिर से अपने स्थान पर लौटते हुए हम लोगों को राहत देते हुए परेशानियों का समाधान करेंगी।


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