वाराणसी में गंगा की बाढ़ ने आठ साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। गंगा का पानी नालों से होते हुए मुख्य सड़कों पर पहुंच गया है। इससे कई सड़कें बंद कर दी गई हैं। बुधवार को गंगा ने पहले 72 मीटर का आंकड़ा पार किया उसके बाद 2013 में बने रिकार्ड तो तोड़ दिया। जलस्तर में बढ़ाव की गति हालांकि कम हुई है। फिर भी पानी एक सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। बीएचयू के पास ट्रामा सेंटर और सामने घाट रोड पर पानी आने से बंद कर दिया गया है। अस्सी नगवा रोड पर भी पानी आ गया है। पॉश कालोनी साकेत नगर में भी घुटने भर पानी भर गया है।
बुधवार सुबह आठ से शाम छह बजे के बीच दस सेमी वृद्धि दर्ज की गई। जलस्तर 72.02 मीटर से 72.12 मीटर पहुंचा। जिले के टिकरी गांव के पूरब दक्षिण तरफ बना अस्थाई बंधा पानी का दबाव बढ़ते बह गया। राहत और बचाव की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने में जुटी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार काशी में गंगा में लगातार बढ़ाव का मूल कारण यमुना और उसकी सहायक नदियों चंबल, बेतवा और केन में आया उफान है। यमुना का जल प्रयागराज से गंगा के रास्ते काशी पहुंच रहा है। आगरा के पास चिल्हा और हमीरपुर में जमुना के जलस्तर में तेजी से घटाव होने से अनुमान है कि बनारस में भी 14 अगस्त से पानी घटने लगेगा।
उधर पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर उच्चत्तम बिन्दु के और करीब पहुंच गया है। बलिया में बुधवार दोपहर दो बजे नदी का जलस्तर 59.870 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी का जलस्तर खतरा बिंदु 57.615 मीटर से 2.26 मीटर ऊपर पहुंच गया है। वहीं उच्चत्तम बिन्दु 60.390 मीटर से मात्र 52 सेमी नीचे बह रही है। बलिया में 31 गांवों की 1.41 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
गाजीपुर में सैदपुर से लेकर गहमर तक गंगा का बढ़ता जलस्तर जिंदगियों के लिए मुसीबत बन गया। घरों में पानी भर गया है और राशन भी समाप्त हो गया। खेतों की फसल डूब गई तो मवेशियों को खिलाने के लिए चार दाने भी नहीं। गाजीपुर में लगातार तेज प्रवाह के बाद दो घंटे प्रति सेमी की रफ्तार से गंगा बढ़ रहीं हैं। जिले में खतरे का निशान पारकर 64.440 मीटर पर गंगा का जलस्तर पहुंच चुका है। गाजीपुर जिले के करीब 80 से अधिक गांव प्रभावित हैं।
चंदौली गंगा के जलस्तर में 2 सेमी प्रति घंटा की दर से लगातार वृद्धि हो रही है। मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु से करीब आधा मीटर ऊपर 78.270 मीटर पर पहुंच गया है। जिले के सदर और चुनार तहसील के 182 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जौनपुर में गोमती खतरे के निशान से अभी नीचे हैं, बावजूद केराकत के बीरभानपुर में कई घरों में बाढ़ का पानी घुसने से तबाही मची हुई है। भदोही के एक दर्जन गांवों में गंगा का पानी पहुंच चुका है। इससे पशुओं के लिए चारे की किल्लत बनी हुई है। औराई थाना क्षेत्र के गांवों में भी हालात ठीक नहीं है। गांवों में सरकारी अफसरों के न पहुंचने से लोगों में रोष है।