गंगा नदी में बाढ़ का पानी इन दिनों मानो तबाही मचाने पर उतारू है। यूपी के गाजीपुर जिले में गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। तटवर्ती गांवों में गंगा का पानी घुसने लगा है। केंद्रीय जल आयोग गाजीपुर के प्रभारी हसनैन ने बताया कि रविवार दोपहर एक बजे गंगा अपने खतरे के निशान 63.105 मीटर से 68 सेमी ऊपर बह रही हैं। रफ्तार दो सेमी प्रति घंटे की है।
सोमवार सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 64.020 मीटर रहने की आशंका है। अगर यही रफ्तार रहा तो गंगा साल 2013 और साल 2016 के उच्चतम जल स्तर के रिकार्ड को पार कर जाएंगी। साल 2013 में गंगा जलस्तर 65.020 मीटर और साल 2016 में 65.030 मीटर रिकार्ड किया गया था। दोनों साल सैदपुर, करंडा, जमानियां, रेवतीपुर, मुहम्मदाबाद और भांवरकोल ब्लॉक के दर्जनों गांव के हजारों लोग गंगा और उसकी सहायक नदियों के बाढ़ से तबाह हो गए थे।
गंगा के जलस्तर की यही स्थिति रही तो अगले 24 घंटे में जिले के निचले क्षेत्रों के अलावा पानी दूसरे क्षेत्रों में घुस जाएगा। जिससे बाढ़ की भीषण विभीषिका पैदा हो जाएगी। वहीं, गंगा के बढ़ाव के चलते उसके सहायक नदियों में भी जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो चुके हैं। तटवर्ती इलाकों से पलायन भी तेज हो गया है। सबसे ज्यादा पशुओं के चारे की फसल प्रभावित हो रही है। कई जगहों पर धान के खेतों में भी पानी लग गया है। आशंका है कि बाढ़ का पानी बहुत जल्द नगर क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाएगा।
बाढ़ की चपेट में आए पांच गांव, दो दिन बाद भी इंतजाम नदारद
बाढ़ से रेवतीपुर क्षेत्र के बीरउपुर, नसीरपुर, हसनपुर, दुल्हापुर और रामपुर की सड़के दो दिनों से जलमग्न हैं। एक-दो दिन में क्षेत्र के कई अन्य गांव भी बाढ़ की जद में आ सकते हैं। क्षेत्र के लोग प्रशासन के आसरे पर हैं लेकिन पिछले दो दिनों में जिला प्रशासन की ओर से इलाके में कोई विशेष इंतजाम नहीं हो पाया है।
जबकि रविवार दोपहर तक गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दो दिनों से रेवतीपुर के आधा दर्जन गांवों का बाढ़ के चलते जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा है। इससे गांव के लोग परेशानियों को झेल रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा अभी तक नाव, आश्रय स्थल, बाढ़ चौकियों और राशन की कोई व्यवस्था नहीं हुई है।
रेवतीपुर क्षेत्र के किसी भी गांव में दोपहर तक कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया था। रेवतीपुर के बीडीओ सुरेंद्र सिंह राणा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। स्थितियों को समझकर नाव, खाने-पीने, आश्रय स्थल, बाढ़ चौकियों और चारा का व्यवस्था किया जाएगा।