पेट्रोल पंप की तर्ज पर अब लखनऊ में एक हजार ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे। इन्हें बारी-बारी से चार साल के भीतर में लगाया जाएगा। प्रदूषण कम करने के लिए ई-वाहन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने कार्ययोजना जारी कर दी है। 2030 तक पेट्रोल-डीजल वाहनों को बंद करने की तैयारी है। यूपी में 4500 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसके मुकाबले चार्जिंग स्टेशन कम हैं। ऐसे में पार्किंग स्टेशन, मॉल, पेट्रोल पंप आदि स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इसके लिए सूडा विभाग कुछ शर्तों के साथ लाइसेंस देगा। परिवहन विभाग द्वारा दो व चार पहिया निजी ई-वाहन और ई-व्यवसायिक वाहनों की चार्जिंग का शुल्क तय किया जाएगा।
फैक्ट
- एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन पर करीब 4 लाख रुपये का खर्च आएगा
- एक चार्जिंग स्टेशन पर कम से कम पांच चार्जिंग प्वाइंट होना जरूरी होगा
- लखनऊ में दो व चार पहिया मिलाकर 43, 365 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं
- इसमें इलेक्ट्रिक बसें और 26 हजार ई रिक्शा भी शामिल हैं।
- हर चार्जिंग स्टेशन पर कम से कम पांच वाहनों को एक साथ चार्ज करने की क्षमता होगी
- लखनऊ में सिर्फ दुब्ग्गा में चार्जिंग स्टेशन खुला है।
- वर्तमान में ई वाहन मालिक घरेलू बिजली से वाहनों को चार्ज कर रहे हैं
- आम लोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन नहीं खुले हैं।
आरटीओ प्रशासन आरपी द्विवेदी ने बताया लखनऊ में ई वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन खोलने की कार्ययोजना केंद्र सरकार की ओर से आ गई है। जिसमें 1000 इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन खोलने और ई वाहनों को बढ़ावा देने की योजना है। इसकी निगरानी के लिए परिवहन विभाग को नोडल बनाया गया है।