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पूर्व सैनिक को गोली मारने के मामले में 2 आरोपित गिरफ्तार, 3 टीमें शूटरों की तलाश में दी दबिश

फूलपुर थाना क्षेत्र के गजोखर गांव में ग्राम प्रधान के भाई व पूर्व सैनिक संतोष पाल को गोली मारकर हत्या का प्रयास करने के मामले में पुलिस ने गुरुवार की रात खालिसपुर रेलवे स्टेशन के पास से दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व सैनिक ने अपने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ मारपीट सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी का बदला लेने के लिए आरोपित के बेटे ने दोस्तों के साथ साजिश रची और शूटर से पूर्व सैनिक को गोली मरवाई। गिरफ्तार आरोपितों में ऋतुराज उर्फ आकाश ङ्क्षसह व चंदन राय शामिल हैं।

ङ्क्षपडरा तहसील स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि गत एक जून को ग्राम प्रधान विनोद पाल के भाई रिटायर्ड फौजी संतोष पाल पर बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली चलाई थी। संयोग अच्छा था कि तीन से चार चक्र फायङ्क्षरग में संतोष के दाएं हाथ में एक गोली लगी और वह कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो गए। पुलिस ने संतोष की रंजिश खंगालनी शुरू की तो सामने आया कि उनके गांव के अनिल ङ्क्षसह से उनकी मुकदमेबाजी और मणिशंकर मिश्र से नाली का विवाद चल रहा है। हालांकि पुलिस को उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिला। इस बीच पुलिस को अनिल के बेटे ऋतुराज ङ्क्षसह की गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हुईं तो उस पर नजर रखी जाने लगी। साक्ष्य एकत्र कर ऋतुराज के पूछताछ की गई तो मामला परत-दर-परत खुलता चला गया।

एक लाख की सुपारी, 50 हजार दिया था एडवांस

सीओ पिंडरा के मुताबिक पूछताछ में ऋतुराज ने बताया कि उसके पिता के खिलाफ संतोष ने जो मुकदमा दर्ज कराया था, उसमें अब सजा होनी तय है। इसके लिए कई बार सुलह का प्रयास किया गया तो वह भला बुरा कहकर भगा देता था। संतोष से गांव के मणिशंकर मिश्र से विवाद की बात भी उसे पता थी। ऋतुराज ने मणिशंकर से संतोष को ठिकाने लगाने की बात कही और यह भी तय हुआ कि शूटर का इंतजाम करने में जो खर्च आएगा उसे आधा-आधा दे देंगे। इसके बाद ऋतुराज ने मऊ के घोसी थानांतर्गत पलिया निवासी अपने दोस्त चंदन राय से शूटर का इंतजाम करने को कहा। इस पर चंदन ने आजमगढ़ के जीयनपुर थाना क्षेत्र के भरौली निवासी अश्वनी चौहान से ऋतुराज का परिचय कराया।

अश्वनी ने एक लाख रुपये मांगे तो उसे तत्काल 50 हजार रुपये पेशगी के तौर पर दे दिया गया। बीते 26 जनवरी से मई महीने तक अश्वनी व आजमगढ़ निवासी उसका दोस्त सत्यम कई बार गजोखर आए, लेकिन संतोष को गोली मारने का मौका नहीं मिल पाया। गत 31 मई की रात अश्वनी, चंदन व सत्यम फिर उसके घर आए। एक जून की सुबह संतोष को खेत की ओर जाते देख सत्यम ने फायरिंग की, लेकिन संतोष बच गए। फरार अश्वनी, सत्यम व चंदन की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। गिरफ्तार करने वालों में फूलपुर थानाध्यक्ष दुर्गेश मिश्र व औद्योगिक क्षेत्र चौकी प्रभारी कुलदीप मिश्र शामिल थे।

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