Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

बनारस स्‍मार्ट सिटी की सबसे दुखद तस्‍वीर, अमानवीय तरीके से सीवर और गटर की सफाई को विवश

बनारस शहर को स्मार्ट बनाने के लिए काफी कवायद की जा रही है, लेकिन सीवर लाइन और मैनहोल की सफाई के लिए अब भी पुराना तरीका अपनाया जा रहा है, उसमे भी सफाई कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के सफाई करते है। पूर्व में गोलगड्डा क्षेत्र में सफाई के लिए गटर में उतरे दो लोगों की जान जहरीली गैस के कारण चली गई थी। दो साल पहले पांडेयपुर स्थित काली जी के मंदिर के पास सीवर सफाई के दौरान दो लोगों को जान गवानी पड़ी थी। इसके बाद भी नगर निगम सबक नही सीख रहा है। पिछले साल कहा गया था कि अब गटर की सफाई रोबोट करेगा, मगर वह भी हवाहवाई साबित हुआ। 

जबसे वाराणसी स्‍मार्ट सिटी की होड़ में शामिल हुआ है तभी से सफाई अभियानों को लेकर काफी जोर शोर से शासन और प्रशासन की ओर से मुहिम छेड़ दी गई थी। हालांकि, सफाई अभियान का असर तो दिखा लेकिन जमीन पर चुनौतियां जस की तस रहीं। सबसे दुखद और त्रासद यह कि आज भी मध्‍य युगीन तरीके से वाराणसी शहर में सीवर और गटर की सफाई के लिए जान को हथेली पर रखकर सफाई कर्मी पानी के भीतर उतरते हैं। पानी के भीतर फंसने पर जान तक जाने की पूरी संभावना बनी रहती है। जबकि इससे पूर्व शहर में सफाई कर्मी जान से हाथ भी धो बैठे हैं। हादसों के बाद भी जान बचाने के लिए उपकरणों और आधुनिक तौर तरीकों को अपनाने में पौराणिक नगरी काशी फ‍िसड्डी साबित हुई है।

पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते शासन और प्रशासन के लिए विकास और सुरक्षा प्राथमिकता पर रही है। करोड़ों और अरबों का बजट होने के बाद भी इस तरह की तस्‍वीरें विभागीय सक्रियता और शासन प्रशासन के पहल के बाद भी सफाई के स्‍तर पर जमीन पर काम कर रही संस्‍थाओं की नाफरमानी शहर की दुखद तस्‍वीर को पेश कर शहर की छवि को धूमिल कर रहा है। दबी जुबान से अधिका‍री स्‍वीकारते हैं कि आधुनिक मशीनों से सफाई के लिए हादसों के बाद चर्चा तो हुई लेकिन फाइलें हादसों के बोझ तले दबकर अगले हादसे का इंतजार करती नजर आ रही हैं। 

2019 में हो चुका है हादसा :

एक मार्च 2019 को सीवर हादसे में दो सफाई कर्मियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। पांडेयपुर काली मंदिर के पास गहरी (40 फीट) सीवर लाइन की सफाई के दौरान तड़के तीन मजदूर टैंक में उतरे थे। इनमें एक कर्मी उमेश तो किसी तरह बाहर निकल आया, लेकिन बिहार के मोतिहारी के राकेश और वाराणसी के चंदन मलबे के नीचे दब गए। इनको बचाने का काम काफी समय तक चला था। एनडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद वाराणसी के शिवपुर के चंदन और मोतिहारी बिहार के राजेश का शव निकाला था। इस हादसे के बाद सफाई के आधुनिक उपकरणों की डिमांड तो हुई लेकिन उस हादसे के दो साल बाद भी यह तस्‍वीर लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी को उजागर कर रही है।  

Purvanchal News in Hindi | News in Hindi | Purvanchal News | Latest Purvanchal News | Purvanchal Samachar | Samachar in Hindi | Online Hindi News | Purvanchal News |

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ad Space

uiuxdeveloepr