जिस कोरोना काल में गंगा में मिले शवों ने गाजीपुर को लेकर दुनिया का ध्यान खींचा था, एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर से उस जल प्रवाह को न करने की शनिवार को अलख जगी। गंगा संरक्षण अभियान के तहत ग्राम प्रधान बलवंत सिंह बाला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग शनिवार को गंगा के तट स्थित नरवाघाट पर एकत्र हुए। सभी ने शवों का जल प्रवाह न करने की शपथ ली। इस निर्णय को सभी लोगों ने सराहा।
गंगा के किनारे हाथ उठाकर सबने संकल्प लिया कि शव प्रवाहित करने की उस प्रथा को अब खत्म करने का वचन लेते हैं जो मां गंगा को दूषित करती है। आगे से हम सभी निश्चित स्थानों पर शवों का अंतिम संस्कार करेंगे। इसके लिए औरों को भी प्रेरित करेंगे। माना जा रहा है कि गहमर की यह पुकार जिले के और गांवों के लोगों को सच्ची राह दिखाएगी। विदित हो कि गहमर सहित जिले के करीब तीन दर्जन गांवों में जल प्रवाह की परंपरा है। प्रत्येक नागरिक से मां गंगा की स्वच्छता के लिए संकल्प का आह्वान किया गया। श्री सिंह ने कहा कि गंगा मां में पिछले दिनों शवों को बहने को लेकर जिस तरीके से जिले की चर्चा हुई वह ठेस पहुंचाने वाली है। इस तरह के बदलाव के लिए युवाओं को आगे आना होगा। इसमें बड़ों को भी सहयोग देना होगा। इस मौके पर सुमित सिंह, लालू, संदीप, प्रकाश, रामप्रकाश, राजेश, छोटक आदि रहे।
एशिया के हम सबसे बड़े गांव के निवासी हैं तो हम सबकी जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बड़ी है। जल प्रवाह न करने के संकल्प की यहां से शुरुआत सबको राह दिखाने वाली साबित होगी। वीरों और जवानों की धरती गहमर की पहचान है। किसी भी तरह के उस काम को हम नहीं करना चाहेंगे जो गांव की छवि खराब करे। यह पहल बेहद सराहनीय है।
Latest Ghazipur Hindi News | Ghazipur News | Daily Ghazipur News | Latest News Ghazipur | Ghazipur Today News | Ghazipur News in Hindi | Breaking Ghazipur News | Ghazipur News Headlines