सीबीएसई, सीआईएससीई के साथ-साथ कई बोर्ड ने अपनी 12वीं की परीक्षा को रद कर दिया है। अब यूपी बोर्ड के स्कूल से लेकर अभिभावक तक परीक्षा के पक्ष में नहीं है। अभी तक दबी जुबान में परीक्षा ना कराने की बात कर रहे स्कूल अब खुलकर परीक्षा को रद करने की बात कर रहे हैं। साथ ही अभिभावकों का रुख पहले की तरह ही कोरोना की भयावहता के बीच परीक्षा ना कराने को लेकर अड़िग है।
बता दें कि यूपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा को रद कर चुका है। मंगलवार को सीबीएसई और सीआईएससीई ने बारहवीं की परीक्षा को रद कर दिया। इसके बाद बुधवार को कई अन्य राज्यों के बोर्ड ने बारहवीं की परीक्षा को रद कर दिया। अब यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावक भी परीक्षा के पक्ष में नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि अन्य बोर्ड बड़ी तैयारी के साथ परीक्षा कराते हैं। यूपी बोर्ड के केन्द्रों पर परीक्षा के दौरान नियमों का अनुपालन संभव नहीं है।
सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोई नियम केन्द्रों पर लागू नहीं हो पाएगा। ऐसे में 12वीं की परीक्षा को भी दसवीं की तरह रद किया जाना चाहिए। राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अरुण कुमार सिंह के अनुसार बोर्ड परीक्षा पर फैसला वर्तमान हालात को देखते हुए लेना चाहिए। क्योंकि छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सबसे पहले है। वहीं श्री रामकृष्ण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सोमदेव सारस्वत के अनुसार 12वीं की परीक्षा बेशक छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी होती है, लेकिन छात्रों के जीवन के बढ़कर कोई परीक्षा नहीं हो सकती। सीबीएसई की परीक्षा के संबंध में लिया गया फैसला सही है।