खेल की मेधाओं की धरती काशी से इस बार ऊंची कूद (पोल वाल्ट) स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया है। हालांकि, स्वर्ण पदक भले ही हासिल हुआ हो लेकिन ओलंपिक का टिकट नहीं मिल पाने की कसक भी बाकी रह गई है। शेखर का कहना है कि उसके पिता नंद लाल पांडेय, माता सीता देवी और कोच पीसी त्यागी का महत्वपूर्ण योगदान है। शेखर वर्तमान समय में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पीसी त्यागी की देखरेख में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
बनारस की धरती के लाल शेखर पांडेय ने शुक्रवार को देर शाम पटियाला में आयोजित राष्ट्रीय अन्तरराज्यीय एथलेटिक्स चेम्पियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए पोल वाल्ट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया।वाराणसी एथलेटिक क्लब के सदस्य शेखर कुछ ऊंचाई और पार कर लेते तो उन्हें टोक्यो ओलम्पिक का टिकट भी मिल जाता। क्लब की अध्यक्ष नीलू मिश्रा ने बताया कि शेखर सिगरा स्टेडियम में अभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह भारत के लिए पदक जीतेंगे।
जानकारी के अनुसार शेखर पांडेय ने 4.80 मीटर की ऊंचाई की छलांग लगाई है। अगर वह पांच मीटर से ऊपर की छलांग लगाते तो वह टोक्यो ओलिम्पिक का टिकट कटा लेते। शेखर ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद मोबाइल पर जागरण को बताया कि कोरोना के कारण काफी समय से स्टेडियम बंद था। नहीं तो उनका और भी बेहतर प्रदर्शन सामने आता। बताया कि मैंने पहली बार सीनियर वर्ग में हिस्सा लिया और पहली बार में ही स्वर्ण पदक हासिल किया है। इससे उत्साह काफी बढ़ा है और उम्मीद है कि आने वाले खेल सत्र में और भी बेहतर परिणाम हासिल होंगे।
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