समय से पूर्व बरसात से जहां धान की नर्सरी को फायदा हुआ है वहीं गर्मी की सब्जी की खेती के लिए काफी नुकसानदायक है। बरसात से खेतों के पानी लग गए हैं, जिससे लौकी, करैला, लतरा, कोहड़ा, भिडी, नेनुआ आदि की खेती नष्ट हो गई है। इससे आने वाले दिनों में इनके भाव आसमान को छू सकते हैं।
गर्मी की सब्जी निकलने का अंतिम समय जून के अंतिम सप्ताह या मानसून देर से आने पर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक होता है। इस बार बरसात जून के प्रथम सप्ताह से शुरू हो गई जिससे गर्मी की सब्जी नष्ट हो गई। इसका प्रभाव आलू के भाव पर भी पड़ेगा। हरी सब्जी के अभाव में आलू के भाव में भी तेजी देखने को मिल सकती है। सप्ताह पूर्व गर्मी की सब्जी काफी निकल रही थी, ऊपर से पूर्वा हवा इस सब्जी के लिए काफी अनुकूल थी। आवक इतनी अधिक थी कि हरी सब्जियों के भाव फुटकर में दस रुपये से नीचे था। थोक में बेचने पर किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही थी। - अभी तक किसान हरी सब्जी की खेती की लागत निकाल पाया था। जब लाभ का समय आया तो बरसात ने सब कुछ चौपट कर दिया।
उदयशंकर राय, किसान। आने वाले समय में सब्जी के भाव काफी ऊपर उठेंगे, लेकिन किसानों के पास बेचने के लिए कुछ नहीं होगा। बरसात की सब्जी के तैयार होने में लगभग दो महीने लगेंगे। मनीष राय, किसान। सब्जी के भाव कम होने से किसान वैसे ही लागत नहीं निकाल पा रहा था। लगातार बरसात ने सब कुछ नष्ट कर दिया। अगर एक दो दिन बरसात होकर रुक गई होती तो बात दूसरी होती।
Latest Ghazipur Hindi News | Ghazipur News | Daily Ghazipur News | Latest News Ghazipur |