भाजपा ने गाजीपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। सपना सिंह को यहां से प्रत्याशी बनाया गया है। सपना ने कुछ देर पहले ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। कहा जा रहा है कि जिला संगठन ने प्रदेश नेतृत्व को केवल वंदना यादव का नाम भेजा था लेकिन अचानक सपना सिंह को सदस्यता ग्रहण कराकर प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। टिकट बदलते ही लोगों के जेहन में 2016 का जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव और 2012 का जंगीपुर विधानसभा चुनाव ताजा हो गया है। दोनों चुनावों के दौरान घटी घटनाएं गाजीपुर भाजपा के लिए न भूलने वाली दास्तां बन गई है। इस दौरान पार्टी की खूब किरकिरी भी हुई थी। आइये जानें क्या हुआ था।
पिछले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव यानी 2016 में यहां की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित थी। भाजपा से जिला पंचायत सदस्य हरेंद्र यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया गया। पर्चा दाखिला के बाद पता चला कि हरेंद्र यादव ने अपने पर्चा के साथ कोष पत्र की शुल्क रसीद लगायी ही नहीं। ऐसे में भाजपा की दावेदारी समाप्त हो गई और सपा की ओर से विजय यादव की पत्नी आशा यादव निर्विरोध निर्वाचित हो गईं।
तब पार्टी के कद्दावर नेता और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की देखरेख में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हो रहे प्रतिष्ठापरक चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की दावेदारी महज एक कोष पत्र की रसीद जैसा कागज के चलते ना हो पाना पार्टी को खल गया था।
गाजीपुर से सांसद और तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा पर्चा दाखिला में स्वयं मौजूद थे। उसके बाद पर्चा खारिज हो जाने के बाद पार्टी को काफी झटका लगा था। पर्चा खारिज होने के पीछे कुछ लोगों ने यहां सपा सरकार के इशारे पर पर्चा निकाल लिए जाने का आरोप लगाया। वही अधिकांश लोगों द्वारा हरेंद्र यादव के साथ साजिश का आरोप लगाया गया। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि शुल्क रसीद प्रमाण पत्र नहीं लगाने के पीछे करोड़ों की डील हुई थी। करोड़ों की डील को बल इस बात से भी मिला कि इस सीट को लेकर सपा के नेता पूर्व से ही अपने निर्विरोध चयन को लेकर आश्वस्त थे। ऐसे में पर्चा दाखिला में मात्र एक रसीद का ना होना कई बातों को बल दे गया। हालांकि भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद प्रत्याशी हरेंद्र यादव के करोड़ों रुपए प्राप्त करने की बातें पुष्ट नहीं हो सकीं और राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।
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इससे पहले 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रख्यात लोकगीत गायक व समाजवादी पार्टी के बड़े नेता विजय लाल यादव को जंगीपुर विधानसभा से टिकट दिया था। विजय लाल यादव ने पर्चा दाखिला करने के बाद पर्चा वापसी के एक दिन पहले अपनी दावेदारी वापस ले ली और भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। विजय लाल यादव के इस कदम के बाद भाजपा की बड़ी किरकिरी हुई थी। हालांकि ऐन मौके पर डॉ महेंद्रनाथ पांडेय हेलीकॉप्टर से सिंबल लेकर पहुंचे और रमेश सिंह 'पप्पू' को अपना प्रत्य़ाशी घोषित कर चुनाव लड़ाया। इसमें भाजपा को कड़ी पराजय का मुंह देखना पड़ा।
अब इस वर्ष वंदना यादव की दावेदारी जब से तेज हुई थी हरेंद्र यादव और सीमा यादव के चुनावी समीकरण पर चर्चाएं तेज हो गई थीं। एक गुट पार्टी नेताओं को हरेंद्र यादव और विजय यादव को प्रत्याशी बनाने की घटनाओं को याद दिलाता रहा। इसी बीच पार्टी के पूर्व जिला मंत्री व पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल पांडेय एक वीडियो भी वायरल हुआ। इसमें वह भाजपा नेताओं से सामान्य सीट पर सामान्य जाति के प्रत्याशियों के दावेदारी की बात करते नजर आए। ऐसे में अचानक गुरुवार की दोपहर सपना सिंह को पार्टी की सदस्यता के कुछ घण्टों बाद ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित कर देने से पुरानी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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