कोरोना के नाम पर इस समय कुछ दवाओं के और कुछ उपकरणों के दाम काफी बढ़ गए हैं। इनकी कमी का बहाना लेकर दुकानदार आम लोगो को काफी लूट रहे हैं। आम लोग भी दवा न मिलने के अफवाह से स्टोरेज कर रहे हैं।
कोरोना काल में आक्सीजन का माप करने वाला उपकरण आक्सीमीटर अचानक बाजार से गायब है। ऐसे में अगर कहीं मिल भी रहा है तो दो गुने से भी अधिक दाम पर। पहले सात सौ से आठ सौ रुपये में आक्सीमीटर मिल जाता था वही आज इसकी कीमत 1600 रुपये से भी ज्यादा है। थर्मल स्क्रीनिग यंत्र भी मार्किट से गायब है। हालांकि आम लोगों में इसकी डिमांड अधिक नहीं है फिर भी इसकी कीमत दोगुनी हो गई है। सर्जिकल मास्क की होलसेल कीमत दो रुपये प्रति मास्क थी, जो अब बढ़कर चार रुपये हो गई है। अच्छे किस्म के मास्क की कीमत तो तीन गुना से भी अधिक हो गई है।
सैनिटाइजर के नाम पर दो गुना रेट हो गया है। नकली सैनिटाइजर भी बाजार में बहुत है। इसी तरह से कोरोना में प्रयुक्त होने वाली दवा डाक्सी साइक्लीन भी दवा की दुकानों से बड़ी कठिनाई से मिल रहा है। विटामिन सी की दवा का भी शार्टेज है। कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने बताया कि आजकल थोक व्यवसायी उन्हें दवा देने में आनाकानी कर रहे हैं। वह लाभ कमाने के लिए खुद फुटकर बेचने में लगे हैं। गौरतलब है कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।