नियती भी कभी-कभी क्रूर मजाक करती है। बेटी के कन्यादान और जीत की घोषणा से पहले ही रविवार की शाम धानापुर ब्लाक के किशुनपुरा ग्राम पंचायत के प्रधान पद के प्रत्याशी वीरेंद्र यादव (55) की सांसें थम गईं। घटना से जीत और शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। सादगीपूर्ण ढंग से किसी तरह शादी की रस्में पूरी की गईं। इसके बाद रात में ही दुल्हन को विदा कराकर बारात वापस लौट गई।
वीरेंद्र काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। तीसरी पुत्री पूनम की शादी बलुआ थाना क्षेत्र के बल्लीपुर गांव निवासी श्यामनारायण यादव के पुत्र कीर्तिमान यादव से तय की थी। रविवार को मतगणना के दिन ही बेटी की शादी भी थी। दिन में उनकी हालत बिगड़ी तो परिजनों ने वाराणसी निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। इसकी जानकारी वर पक्ष के लोगों को पहले ही दे दी गई थी। ऐसे में बारात दो गाड़ियों में बहुत सादगीपूर्ण ढंग से बिना गाजे-बाजे के साथ घर आई। महज 10-15 बराती आए थे। रात में 11 बजे के बाद शादी का मुुहुर्त था। अभी नाश्ता, जलपान का क्रम चल रहा था कि प्रधान प्रत्याशी की मौत की खबर पहुंची। इससे लड़के के पिता व लड़की पक्ष के सभी लोग गमजदा हो गए लेकिन बेटी को यह जानकारी नहीं दी गई। किसी तरह आननफानन में शादी की रस्में पूरी की गईं। पिता की गैरमौजूदगी में मौसा ने कन्यादान की रस्म निभाई। इसके बाद बाराती दुल्हन को विदा कराकर लौट गए। परिजनों ने अभी तक पूनम को घटना की जानकारी नहीं दी है।
बरात की विदाई के बाद भोर में साढ़े तीन बजे प्रधान प्रत्याशी का शव गांव पहुंचा। इससे कोहराम मच गया। पंचायत चुनाव का परिणाम वीरेंद्र के पक्ष में आया। उन्होंने 367 मत पाकर जीत दर्ज की। उनके प्रतिद्वंद्वी विकास को मात्र 157 मत ही मिले थे। मार्मिक घटना के बाद लोग होनी को कोस रहे हैं। वीरेंद्र की पत्नी प्रभावती का निधन एक साल पहले ही हो चुका है। तीन पुत्रियां और 16 वर्षीय पुत्र नीतेश यादव है।