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जिला अस्पताल में आक्सीजन जेनरेटर से सिर्फ 40 बेडों तक सप्लाई

आक्सीजन को लेकर जनपद अभी मऊ पर निर्भर रहेगा। जिला अस्पताल में लगने वाली आक्सीजन जेनरेटर मशीन 24 घंटे में सिर्फ 45 जंबो सिलेंडर जितना आक्सीजन सप्लाई करेगा। वहीं पाइप लाइन के सहारे करीब 40 बेडों के मरीज को 24 घंटे बिना किसी रूकावट के आक्सीजन मिल सकेगा। मशीन के इंस्टाल करने में अभी लगभग छह से सात दिन का समय लगेगा। अस्पताल प्रशासन मेडिकल वार्ड के 30 व इमरजेंसी वार्ड के 15 बेडों तक जेनरेटर मशीन से आक्सीजन पहुंचाने की योजना है। स्थानीय टेक्निशियनों की मदद से पहले लगे पाइप लाइन से इमरजेंसी बिल्डिग में जोड़ने की व्यवस्था कर रहा है। इससे 40 बेड तक आक्सीजन निर्बाध रूप से मिलेगा।

जिला अस्पताल में कुल 223 बेड संचालित

जिला अस्पताल में अधिकतर मरीज सांस व फेफड़ा संक्रमित वाले भर्ती है, इन्हें आक्सीजन की जरूरत है। अस्पताल में अभी 58 जंबो, 70 छोटे सिलेंडर व 15 आक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन आक्सीजन देने के लिए उपलब्ध है। टेक्निशियन बृजेश कुमार ने बताया कि यह मशीन एक मिनट में 200 लीटर आक्सीजन सप्लाई करेगा। इससे सिलेंडर रिफिल नहीं हो पाएगा। 24 घंटे में 45 जंबो सिलेंडर जितना आक्सीजन सप्लाई करेंगी।

नई बिल्डिग जंबो सिलेंडर पर रहेगा निर्भर

अस्पताल परिसर में इंस्टाल हो रही आक्सीजन जनरेटर मशीन से सिर्फ मेडिकल व इमरजेंसी वार्ड तक सप्लाई देगी। कंप्रेसर व क्षमता कम होने के कारण नई बिल्डिग स्थित वार्डों तक आक्सीजन नहीं पहुंच सकता है। इसलिए हड्डी, सर्जिकल व बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों को जंबो, छोटा सिलेंडर व आक्सीजन कंस्ट्रेटर पर निर्भर रहना पड़ेगा।

इमरजेंसी व मेडिकल वार्ड में बिछाई जाएगी पाइप लाइन

आक्सीजन जनरेटर मशीन में स्टोर करने की क्षमता न होने के कारण पाइप लाइन से मरजों को सप्लाई दी जाएगी। अस्पताल में आक्सीजन पाइप लाइन का कार्य अधूरा होने के कारण अस्पताल प्रशासन जनरेटर से इमरजेंसी वार्ड को जोड़ने के लिए लोकल पाइप लाइन कार्य करने वालों का सहयोग ले रहा है।

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