पर्व-त्योहार व शादी-विवाह के साथ ही पवित्र रमजान माह पर भी कोरोना की साया साफ दिख रही है। शुक्रवार को अलविदा की नमाज के दिन जहां मस्जिदों पर उत्सव सा माहौल रहता था, वहां पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सन्नाटा पसरा रहा। मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा की। साथ ही जकात (पूरे एक साल की कमाई का ढाई प्रतिशत हिस्सा) के रूप में गरीबों के बीच जरूरी सामानों का वितरण भी किया।
इसी क्रम में इस कोरोना काल में जाकिर हुसैन ने जकात के रूप में मास्क-सेनेटाइजर व कपड़ों का वितरण गरीबों के बीच किया। जाकिर हुसैन की टीडी कालेज चौराहा पर कॉपी-किताब की दुकान है। हर साल वे कलक्ट्रेट परिसर में ही अन्य मुस्लिम साथियों के साथ नमाज पढ़ते हैं। हालांकि इस बार सार्वजनिक नमाज अदा नहीं हुई। लिहाजा घर पर नमाज अदा करने के बाद जाकिर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पहुंच गए। वहां उन्होंने जकात के रूप में जरूरतमंदों के बीच मास्क-सेनेटाइजर के साथ ही कपड़े बांटे।
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बातचीत में बताया कि इस समय कोरोना से खुद के साथ समाज व देश को बचाना सबसे बड़ी जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए मास्क व सेनेटाइजर का वितरण करीब 20 लोगों में किया। साथ ही जागरूक भी किया। इसके अलावा पांच लोगों में कपड़ा का वितरण भी किया। जाकिर की इस पहल का आसपास के लोगों ने स्वागत किया।