स्थानीय कस्बा स्थित मेडिकल स्टोर के संचालक से दवा वापस करने को लेकर विवाद हो गया। जहां बात मारपीट तक पहुंच गई और इसमें संचालक के सिर पर टेबल से वार कर घायल कर दिया गया। मामला थाना पहुंच गया, जहां पुलिस हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर किसी तरह आपस में सुलह-समझौता कराया। वहीं इस घटना को लेकर विरोध में कस्बा बाजार की सभी मेडिकल की दुकानें बंद कर दी गई थीं, जिसे लेकर लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
कस्बा में संजीव मेडिकल स्टोर है, सांचलक संजीव त्रिपाठी रोज की तरह सोमवार को भी दुकान पर बैठे थे। गांव के ही रहने वाले अनुज यादव व अनुराग यादव दुकान पर आये और करीब दस दिन पहले ले गई दवा को वापस करने को कहने लगे। इसपर संजीव ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से घर से वापस की हुई दवा नहीं ली जायेगी। इतना कहना ही था कि अनुज व अनुराग दोनों आग बबूले हो गये।
इस बात को लेकर दुकान संचालक से कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गयी कि अनुज व अनुराग ने वहां रखे एक टेबल से संजीव त्रिपाठी के सिर पर वार कर दिया। इससे उनका सिर फट गया। कस्बा में हुई मारपीट की सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक भुड़कुड़ा वैभव सिंह तत्काल मौके पर पहुंच गये। जहां उन्होंने दोनों पक्षों से पूरी सुनने के बाद उन्हें थाना ले आये। वहीं दोनों पक्षों के परिवार सहित कुछ क्षेत्रीय संभ्रांतजन भी थाना पहुंच गये। जहां पुलिस ने दोनों पक्षों की बातों को रेखते हुए इसमें हस्तक्षेप कर किसी तरह मामले को सुलह-समझौता कराया।
इधर मेडिकल स्टोर संचालक के साथ हुई मारपीट की जानकारी मिलते ही कस्बे के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी। इसकी वजह से सोमवार को पूरे दिन लोग दवाओं के लिए इधर-उधर भटकते रहे। लोग कस्बा छोड़ अन्य दूर-दराज इलाकों में जाकर दवा खरीदने के लिए विवश रहे। प्रभारी निरीक्षक ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों से कहा कि वह अपनी दुकानों के सामने एक पोस्टर लगा दें, कि कोरोना संक्रमण की वजह से बिकी हुई दवाएं वापस नहीं ली जाएंगी। इसके बाद किसी तरह मामला शांत हो सका।