कोरोना बंदी के कारण 11 दिन से बंद शराब की दुकानें मंगलवार को खोल दी गईं। इसकी जानकारी होते ही शौकीनों की भीड़ दुकानों पर उमड़ पड़ी। तीखी धूप में लोग घंटों कतार लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। पुन: बंदी की आशंका से तमाम लोगों कई दिनों के लिए स्टाक सुरक्षित कर लिया है। शराब पाने की इतनी जल्दी थी कि लोगों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी का पालन करना भी भूल गए। इतना ही नहीं किराना आदि छोटे दुकानदारों पर धौंस दिखाने वाले अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं।
यूपी के बनारस समेत कुछ जिलों में जिलाधिकारियों ने एक बजे दिन तक शराब की दुकानें और बाकी जरूरी सामानों की दुकानें खोलनी की इजाजत दी है। आबकारी सूत्रों के मुताबिक कर्फ्यू का फैसला करते वक्त सरकार की तरफ से आबकारी की दुकानें को बंद करने का कोई आदेश नहीं था। लेकिन पिछले कई दिनों से दुकानें बंद चल रही है। जिसकी वजह से दुकानदारों ने आपत्ति दर्ज करायी थी। एसोसिएशन ने आबकारी विभाग से दुकानों को खोलने की परमीशन देने के लिये कहा है। इसी क्रम में अपने विवेकाधीन फैसले के तहत जिले के जिलाधिकारी शराब की दुकाने खोलने की इजाज़त दे सकते हैं।
सोमवार को लंका थाना क्षेत्र के रमना में लाकडाउन के दौरान शराब की बिक्री कर रहे सेल्समैन को पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया है।रमना गांव में विपिन कुमार की अंग्रेजी शराब की दुकान है । सेल्समैन मनीष कुमार चकिया का रहने वाला है।मनीष जिस कमरे से शराब बेच रहा था पुलिस ने मौके से आठ पेटी शराब बरामद कर कार्रवाई में जुटी है। इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय को सूचना मिली कि रमना गांव में बंदी के बाद सुबह से ही शराब की बिक्री की जा रही है जहां लोग भीड़ लगाकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।थाना प्रभारी महेश पांडेय ने बीएचयू चौकी प्रभारी राजकुमार पांडेय और रमना चौकी प्रभारी अजय प्रताप सिंह को लेकर छापेमारी सेल्समैन और मौके से आठ पेटी शराब बरामद किए हैं।महेश पांडेय ने बताया कि सेल्समैन पर महामारी अधिनियम व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है।