तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने का असर विकास योजनाओं पर साफ दिखाई पडऩे लगा है। कोरोना के डर से काम कर रहे मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं, ऐसे में कई योजनाएं समय से पूरी नहीं हो पाएंगी। कई योजनाओं की समयसीमा तक खत्म हो चुकी है। कुछ योजनाओं की समयसीमा बढ़ाने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी। अधिकारी समय मांगते रहे, लेकिन अब उन्हें फिर समय मांगना पड़ेगा, क्योंकि ज्यादातर योजनाओं पर काम रहे मजदूरों की संख्या 30 से 50 फीसद कम हो गई है जबकि पिछले दिनों बनारस दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने अफसरों को संसाधन और मजदूरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था।
फुलवरिया फोर लेन में लोक निर्माण विभाग का काम करीब 70 फीसद पूरा हो चुका है। सेतु निगम यहां दो आरओबी बना रहा है, लेकिन समय के हिसाब से इनके कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है। इस रफ्तार से दिसंबर तक भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। कैंट से पड़ाव तक सड़क चौड़ीकरण में समयसीमा पहले ही खत्म हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग कभी अतिक्रमण तो कभी सीवर लाइन के नाम पर काम आगे नहीं बढऩे की बात करता रहा। भिखारीपुर से अखरी बाईपास तक फोरलेन सड़क का काम समय से शुरू नहीं हुआ। शुरू होने के साथ धांधली उजागर होने पर जांच चल रही है। यहां अभी 35 फीसद काम बाकी है। लोक निर्माण विभाग पंचकोसी रोड का काम कब पूरा करेगा, यह वह खुद बताने की स्थिति में नहीं है।
योजनाएं समय पर नहीं हो सकीं पूरी
806 करोड़ से सुल्तानपुर वाया वाराणसी फोरलेन चौड़ीकरण परियोजना को मार्च-2021 में पूरी होनी थी। 785 करोड़ की घाघरा ब्रिज वाराणसी सेक्शन में फोरलेन चौड़ीकरण परियोजना तथा 868.50 करोड़ से वाराणसी-गाजीपुर सड़क चौड़ीकरण भी मार्च-2021 में पूरा करना था। समयावधि बीतने के बाद भी काम बाकी है। इसी प्रकार 1354.67 करोड़ से ङ्क्षरग रोड फेज-2 का काम चल रहा है। यही एक ऐसी योजना है जो दिसंबर तक पूरी होती दिखाई पड़ रही है।