अब उत्तर प्रदेश में किसी भी कोरोना संक्रमित गरीब आदमी का निजी अस्पताल में उपचार होने पर प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान करेगी। 100 बेड से अधिक क्षमता वाले प्रत्येक अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यहां वातावरण से ऑक्सीजन बनाया जाएगा। 39 अस्पतालों में मशीने आनी शुरू हो गई हैं। यह जानकारी सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने दी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से संक्रमण दर में कमी आई है। प्रदेश की 20 करोड़ की जनसंख्या तक सर्विलांस के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है। प्रदेश के 855 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 488 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में भी कोविड मरीज से निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों के इलाज में रेमडेसिविर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी।
सहगल ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक दवाई व ऑक्सीजन समय पर उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 15 जून तक गेहूं खरीद का अभियान जारी रहेगा। आयुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा स्वयं गेहूं खरीद की नियमित समीक्षा करेंगे और अधिकारी क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करेंगे।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,31,018 क्षेत्रों में 5,68,650 टीमों के माध्यम से 16 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या का सर्वेक्षण हो चुका है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि 45 वर्ष से अधिक लोग जल्द से जल्द कोविड के दोनों डोज लगवा दें। अब तक 97,79,846 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और इनमें से 19,97,363 लोग वैक्सीन की दूसरी डोज ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्राइवेट लैब/अस्पतालों के लिए एन्टीजन जांच के लिए 250 रुपए, अस्पताल में जाकर आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए 700 रुपए,होम सैम्पल के 900 और ट्रूनेट की जांच के लिए 1250 और होम सैम्पलिंग में 1450 रुपए देना होगा। उन्होंने बताया कि जो लोग होम आइसोलेशन में हैं अगर वे डाक्टर की सलाह लेना चाहते हैं तो, वे 18001805146, 18001805145 हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं।