दो दिन पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने गई 3 महिलाओं को सीएचसी में रेबीज का टीका लगा दिए जाने की बड़ी लापरवाही के बाद अब यूपी के शामली में एक और बड़ी चूक का मामला सामने आया है। विदेश में नौकरी करने वाले एक व्यक्ति ने जब नौकरी पर लौटने के लिए यात्रा को जरूरी दस्तावेज के लिए कोरोना की जांच कराई तो उसके नाम की बजाए रिपोर्ट में अन्य व्यक्ति का नाम दर्ज कर दिया गया जिसके चलते पीड़ित विदेश तो नहीं जा पाया साथ ही उसको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ गया। उधर प्रशासनिक अधिकारी अभी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जलालाबाद कस्बा निवासी अल्लारक्खा शारजाह की एक कंपनी में हेल्पर की नौकरी करते हैं। वह 14 जनवरी को जलालाबाद आया था और दस अप्रैल को वापस जाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराया था। वापस जाने के लिए यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज के चलते अल्लारखा ने कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए सात अप्रैल को सीएचसी थानाभवन जाकर सैंपल दिया था जहाँ से सैंपल मेडिकल कालेज मेरठ भेज दिया गया था।
शुक्रवार शाम को अल्लारखा ने पोर्टल से रिपोर्ट निकली तो वह नेगेटिव तो है मगर रिपोर्ट में नाम किसी गफ्फार का लिखा मिला जबकि मोबाइल नंबर उसी का है। रिपोर्ट सही कराने के लिए उसने सीएचसी में संपर्क किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आखिरकार नौकरी पर शारजाह जाने के लिए शनिवार सुबह वह एयरपोर्ट के लिए निकल गए। रात में 10 बजे उसकी फ्लाइट थी। एयरपोर्ट पर रिपोर्ट पेश की गई तो वह पासपोर्ट से मेल नहीं खा रही थी जिसके चलते एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उसे लौटा दिया।
अल्लारक्खा ने बताया कि सीएचसी में पासपोर्ट से ही जानकारी सैंपल लेते वक्त लिखी थी। टिकट कैंसिल करने से उसका आर्थिक नुकसान तो हुआ ही है वह समय से ड्यूटी भी जॉइन नही कर पा रहा। इस प्रकार का कोई मामला अभी संज्ञान में नही है और ना ही किसी ने कोई शिकायत दर्ज कराई है। फिर भी पूरे मामले को दिखवाया जाएगा कि आखिर ऐसा हुआ है तो किस स्तर से हुआ है।