गर्मी की तपन सेहत के लिए दुश्मन बनती जा रही है। तेजी से संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। सरकारी अस्पतालों व निजी क्लीनिकों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी हैं। चिकित्सकों की मानें, तो गर्मी में सेहत के लिए सतर्क रहना चाहिए। वरना संक्रमण होने से परेशानी हो सकती हैं।
मौसम का तापमान अब 40 डिग्री सेंटीग्रेट को पार करने लगा है। दिन ही दोपहरी में तल्ख धूप व लू के थपेड़ों से बदन झुलसने लगा रहा है। वातावरण में गरमाहट का सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। जरा-सी भी लापरवाही करने पर शरीर में संक्रमण होने लग रहा है। चिकित्सक डॉ उमाशरण पांडेय ने कहा कि वातावरण में तापमान की वृद्धि होती है, तो वह शरीर के तापमान से तालमेल नहीं बैठा पाता। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। सेहत गिरने लगती है। धूप में रहने, पानी कम पीने, गरम स्थानों पर रहने, तला भुना खाना खाने, नायलान के कपड़े पहनने आदि से सेहत पर गर्मी का प्रतिकूल असर होता है।
इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव ने कहा कि गर्मी में आम तौर पर माइग्रेन के अटैक पड़ने की शिकायत बढ़ जाती है। भयंकर सिरदर्द होता है। समय पर सही उपचार न होने से शरीर के अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ता है। शरीर का तापमान व्यवस्थित रखें। धूप व गर्म स्थानों में जाने से बचें। पानी खूब पिए और लिक्युड डाइट ज्यादा लें। सत्तू, शीतल पेय, खीरा, तरबूज, दही, ठंडा दूध, मट्ठा, आम का पन्ना, हरी सब्जियां आदि का सेवन करें।
बीपी व शुगर वाले मरीज नियमित चैकअप कर डाक्टर से सलाह मशवरा अवश्य लेते रहें। डा. आरके शर्मा ने कहा कि गर्मी में ज्यादा व्यायाम ठीक नहीं है। शरीर का तापमान संतुलित रखने के लिए रोजाना पंद्रह मिनट शीतली और शीतकारी प्राणायाम करना फायदेमंद है। डा. धनंजय सिंह ने कहा कि गर्मी से त्वचा में एलर्जी होने लगती है। इसके लिए पानी पीते रहे और सूती ढीले कपड़े पहनें। शरीर के किसी भी हिस्से में पसीना न ठहरने दें। हवादार और ठंडे स्थानों पर रहे। संतुलित खानपान रखें। बाजार में खुले में शीतलपेय व कटे फल के सेवन से परहेज करें।