मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या में शूटरों की मदद करने का एक और आरोपी पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में हाजिर हो गया। इस बार में शातिर अपराधी प्रदीप सिंह कबूतरा ने आजमगढ़ की एक कोर्ट में वर्ष 2013 में ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या के मामले में अपनी जमानत कटवा कर शनिवार को हाजिर हो गया। प्रदीप तरवां थाने के कबूतरा गांव का रहने वाला है। वह इस हत्या के मुख्य साजिशकर्ता ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखंड सिंह का बेहद करीबी है।
छह जनवरी को लखनऊ में कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। हत्या में शामिल सभी छह शूटरों को आर्थिक मदद और उन्हें सकुशल भगाने में प्रदीप सिंह ने अहम भूमिका निभायी थी। यह बात सामने आने पर ही विभूतिखंड इंस्पेक्टर चन्द्रशेखर सिंह ने विवेचना में प्रदीप सिंह का नाम भी बढ़ा दिया था। प्रदीप को गिरफ्तार करने के लिये क्राइम ब्रांच, विभूतिखंड कोतवाली और एसटीएफ की टीमें लगातार आजमगढ़ और वाराणसी में डेरा डाले हुए थी। इस मामले में अब पूर्व सांसद धनजंय सिंह, एक शूटर, मददगार विपुल सिंह और कुणाल ही फरार है।