ग्रामीण इलाकों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं एक बार फिर से कोविड-19 से बचाव के साधनों को तैयार करने में जुट गई हैं। सूती व खादी वस्त्रों से दो व तीन लेयर वाले मास्क बनाने का काम महिलाओं ने शुरू कर दिया है। तमाम और संस्थाओं द्वारा कपड़े का मास्क बड़ी तादाद में तैयार किए जाने के कारण इस बार इनके लिए प्रतिस्पर्धा का माहौल भी बना है। महिलाएं सेनेटाइजर और पीपीई किट बनाने के काम भी फिर से शुरू करने जा रही हैं।
उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक इस समय 894 समूहों से जुड़ीं महिलाएं मास्क बनाने के काम में जुटी हैं। कोरोना के इस दौर में 12 अप्रैल तक इन महलाओं ने 06 लाख 47 हजार 241 मास्क बना दिए थे। महिलाओं को समय समय पर खादी तथा सूती कपड़े मास्क बनाने के लिए मुहैया कराये जा रहे हैं। इनके द्वारा बनाए गए मास्क स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, खाद्य विभाग तथा पुलिस प्रशासन को भी उचित दर पर मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में समूहों द्वारा बनाए गए मास्क की मांग अधिक है।