कोरोना के साथ पांव पसारती बीमारी और उसका खौफ अब तक गाजीपुर में कई जानें ले चुका है। दिलदानगर में बुधवार को बीमार बेटे की तबियत अचानक बिगड़ जाने पर मां को सदमा लग गया और बेटे को देखकर रोते हुए उसके प्राण पखेरू उड़ गए। जब बेटे को यह पता चला तो मां से लिपटकर रोने लगा। मां की मौत के आधा घंटे बाद बेटे ने भी दम तोड़ दिया। परिवार में मां-बेटे की मौत के बाद कोहराम मच गया। व्यापारी की पत्नी और बच्चे बिलखते रहे। दोपहर बाद दोनों का जमानियां के बलुआ घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
दिलदारनगर नगर पंचायत के वार्ड 9 इंद्रानगर निवासी राजू श्रीवास्तव कपड़ा कारोबारी हैं और वह पिछले 10 दिनों से वह बीमार थे। जांच में डाक्टरों ने टायफाइड बताया। इसके बाद बुधवार सुबह उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी तो चिकित्सक ने घर पर ही आक्सीजन लगवा दिया। मां उषा श्रीवास्तव ने जब बेटे की हालत देखी तो उन्हें सदमा लगा। उषा श्रीवास्तव बेटे से लिपटकर रोने और बिलखने लगीं। इसी दौरान उषा की भी तबीयत बिगड़ गई और आनन फानन डाक्टर ने उपचार शुरू किया। बेटे के बीमारी के सदमें में ऊषा की मौत हो गई, दोपहर में परिजन मां निधन से रो-बिलख रहे थे तो इसकी जानकारी राजू को मिली। उनकी भी मां के निधन के सदमें में एक घंटा बाद मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार राजू चार भाइयों में सबसे बड़ा था और घर का कमाऊ पूत भी था। पति की मौत से पत्नी अंजू देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। राजू को दो पुत्र हैं। परिजनों ने दोपहर बाद जमानियां के बलुआ घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। इस तरह एक साथ दो मौतों की खबर पर दिलदारनगर में चर्चा रही और उनके घर पर शुभचिंतकों का ताता लगा रहा।