रेवतीपुर थाना क्षेत्र के साधोपुर उर्फ रामपुर गांव में बुधवार की दोपहर चिंगारी से झोपड़ी में लगी आग से दादी-पोती की जलकर मौत हो गई। ग्रामीणों ने काफी प्रयास के बाद दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर सीओ जमानियां और एसओ रेवतीपुर घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बुधवार को साधोपुर उर्फ रामपुर गांव में अचानक रिहायशी झोपड़ियों में आग लग गई। गांव में आग लगते ही कोहराम मच गया और हर कोई आग पर काबू पाने में जुट गया। एक झोपड़ी में सोमारी यादव (55) अपनी पोती संध्या (6) अपनी पोती के साथ बाहर की आग से बेखबर सो रही थी। जब आग ने विकराल रूप ले लिया तो सोमरी की नींद खुली तो खुद को आग से घिरा पाया। शोर मचाते हुए बाहर निकलने का प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हुई। इस दौरन पोती को बचाने की भी काफी कोशिश की। ग्रामीणों और परिजनों ने तमाम कोशिशें की लेकिन दोनों को बचा नहीं सके।
ग्रामीण अपने निजी संसाधन से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन तब तक सब कुछ जलकर राख हो। दौरान लोग दादी-पोती को निकालने का प्रयास करते करते दोनों की झुलसकर मौत हो गई। ग्रामीणों ने जब उन्हें निकाला तो दोनों को बुरी तरह से झुलसा गईं थी। जीवत होने की उम्मीद में घरवाले उन्हें अस्पताल ले गए। सूचना पर पहुंची पुलिस को लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि सूचना के बाद भी फायर ब्रिगेड़ मौके नहीं नहीं पहुंचा। हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर शांत किया।
अंतिम सांस तक दादी ने किया पोती को बचाने का संघर्ष
गाजीपुर। साधोपुर उर्फ रामपुर में आग की लपटों से घिरी सोमारी यादव (55) ने अंतिम सांस तक जीवन के लिए संघर्ष किया। जब आंख खुली तो आग के विकराल रूप को देखकर चीखीं लेकिन कोई मदद नहीं पहुंच सकी। बाहर न निकल पाने पर पोती संध्या (6) को बचाने में जुट गई। उन्होंने सहमी पोती संध्या को सीने से लगा लिया और ऊपर से चादर ओढ़ा दी। काफी प्रयास के बाद भी ग्रामीण दोनों को बचा नहीं पाए। आग पर जब गांव के लोगो काबू पाए और झोपड़ी में गए दो देखा। सोमारी अपनी पोती से लिपटी हुई राख के ढेर में दबी थीं। मासूम के लिए पिता राजेश यादव बाहर चीखता और बिलखता रहा।