Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

आजमगढ़: इलाज को भटकने के बाद मुक्ति के लिए भी मशक्कत

कोविड बैग में शव को देखते ही शुरू हो जाती है मनमानी बोली। सामने शव पड़ा है और परिजन बिलख भी रहे हैं, लेकिन परवाह किसकी। कल तक शवदाह के लिए जहां 500 रुपये लगते थे अब शवदाह करने वाले तीन हजार से ज्यादा मांग रहे हैं। अपनों के इलाज कराने के लिए दर-दर भटकने वाले परिजनों को मुक्तिधाम में भी मोलजाल करना पड़ता है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आजमगढ़ के राजघाट पर प्रतिदिन जलने वाले शवों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। असमय अपनों को खोने वाले आम लोगों से जिले के इस मुख्य श्मशान घाट पर खूब लूट हो रही है। एंबुलेंस कर्मी व अस्पताल से मानवता को तार तार करने वाले कई खौफनाक चेहरे देखने के बाद पीड़ित परिजनों से शवों को आग देने के नाम पर मनमाना रकम वसूल रहे हैँ। हालत ये है कि सामान्य दिनों की तुलना में इनसे तीन से 6 गुना रकम वसूल की जा रही है। इन परिजनों का सिर्फ इतना कुसूर है कि इनके अपने कोरोना महामारी की भेंट चढ़कर विशेष सफेद रंग के कोविड बैग मे अपनी अंतिंम यात्रा पर आए हैं।

500 की जगह 3100 की मांगा पुरानी कोतवाली के रहने वाले शशांक वर्मा की ताई का निधन कोरोना से हो गया था। गुरुवार को वो अपनी ताई को अपने एक अन्य परिजन के साथ दाह संस्कार के लिए पहुंचे। यहां उनसे 31 सौ रुपये मांगा गया। जबकि आम दिनों में पांच सौ से लेकर सात सौ रुपये में आग मिल जाती है। लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले भारत रक्षा दल के हरिकेश विक्रम कहते हैं कि ये शवदाह करने वाले सफेद बैग वाले शव देखकर ज्यादा पैसे मांगने लगते हैं। आम दिनों की तुलना में 5 से 6 गुना रकम मांगी जा रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ad Space

uiuxdeveloepr