राज्य सरकार ने विभिन्न आपदाओं से प्रभावित परिवारों को सहायता राशि ऑनलाइन सीधे खाते में देने का फैसला किया है। इसके लिए ई-कुबेर साफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
राजस्व विभाग ने विभिन्न आपदों से प्रभावित परिवारों को राहत राशि देने के लिए ई-कुबेर ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया है। इसके माध्यम से पहले चरण में विभिन्न आपदाओं से प्रभावित कृषि निवेश अनुदान का वितरण लाभार्थियों के खाते में सीधे ऑनलाइन किया जाएगा। दूसरे चरण में विभिन्न आपदाओं से प्रभावित जनहानि, पशुहानि, मकान क्षति आदि के अंतर्गत देय सहायता राशि भी लाभार्थियों के बैंक खातों में ई-कुबेर के माध्यम से दिया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने इस संबंध में प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को आदेश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर आपदा अनुदान बांटने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र लखनऊ के माध्यम से ऑनलाइन मूल्यांकन व धनराशि भेजने के लिए कृषि निवेश मॉड्यूल विकसित किया गया है। इस पर जिलों द्वारा वर्ष 2020 में बाढ़ से हुई कृषि क्षति के आंकलन की फीडिंग लेखपालों के माध्यम से ऑनलाइन कराई गई है।
ई-कुबेर प्रणाली से माध्यम से धनराशि किसानों के बैंक खातों में सीधे बिना किसी मैनुअल इंटर्वेंशन के अंतरित होगी। कोषागार के ई-कुबेर के माध्यम से धनराशि भेजने में यदि कोई ट्रांजेक्शन किसी त्रुटि के कारण फेल होता है, तो उससे संबंधित धनराशि कोषागार से आहरित नहीं होगी और संबंधित हेड में ही सुरक्षित पड़ी रहेगी। कोषागार के ई-कुबेर के माध्यम से धनराशि प्रेषण करने में कोई अतिरिक्त चार्ज किसी बैंक संबंधित हेड में ही सुरक्षित पड़ी रहेगी।