जिला अस्पताल में आक्सीजन की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। आक्सीजन के बिना रोगी तिल-तिल मरने को मजबूर हैं। अपने प्रियजनों की सांस उखड़ती देख लोगों का कलेजा मुंह को आ रहा है। कोविड वार्ड के लिए अधिकांश सिलेंडर आरक्षित होने के चलते सामान्य वार्ड के रोगियों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पा रहा है।
केस-1
बिरनो क्षेत्र के गांव निवासी गुंजा (32) पिछले तीन दिन से जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती हैं। शुक्रवार की सुबह उन्हें सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी तो किसी तरह उन्हें आक्सीजन लगाया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद आक्सीजन हटाकर दूसरे रोगी को लगा दिया गया। इससे फिर से उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसके बाद उनके परिजन मिन्नतें करते रहे गए, लेकिन देर शाम तक उन्हें आक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाया।
केस-2
नगर निवासी विनोद राजभर (58) को गंभीर अवस्था में स्वजन लेकर गुरुवार की रात जिला अस्पताल पहुंचे। उनकी सांस फूल रही थी और स्थित खराब थी। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने कहा कि इनकी हालत गंभीर है और आक्सीजन की आवश्यकता है, लेकिन यहां फिलहाल आक्सीजन सिलेंडर नहीं है। हालांकि रात 11 बजे उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर जैसे-तैसे एक सिलेंडर की व्यवस्था की गई।
केस-3
नगसर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार (37) का पैर फ्रैक्चर हो गया है। वह पिछले तीन दिन से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। शु्क्रवार को उनको आक्सीजन की आवश्यकता पड़ी, लेकिन नहीं मिला। परिजन इधर-उधर भागदौड़ करते रहे, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। देर शाम तक भी आक्सीजन नहीं उपलब्ध हो पाया। इसको लेकर स्वजन सरकार और अस्पताल की व्यवस्था को कोसते रहे।