जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बेड व ऑक्सीजन की कमी से संकट और गहराने लगा है। कोरोना मरीजों के लिए बने एल- टू और जिला अस्पताल में तो हालत काफी दयनीय है। यहां बेड से ज्यादा मरीजों की तादात है। ऑक्सीजन के अभाव में कई लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार की देर शाम को अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उधर, एल-2 अस्पताल बसंतपुर में जिस प्रकार मरीज को बेड के अभाव में सीढ़ी पर बैठाकर आक्सीजन चढ़ाने की तस्वीर सामने आयी, वह डराने वाली है।
संक्रमण की दहशत के बीच मौसम में हुए परिवर्तन के कारण सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। इस बीच चिंताजनक स्थिति यह है कि तमाम ऐसे रोगी भी जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनकी कोरोना रिपोर्ट तो निगेटिव है लेकिन उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। उनका आक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा है। ऐसे मरीजों का सिटी स्कैन कराने के बाद कोविड की जानकारी हो पा रही है। तबतक मरीज की स्थिति बेहद खराब हो चुकी होती है। सांस लेने में दिक्कत के मामले अधिक आने से आक्सीजन की मांग बढ़ गयी है, जबकि आपूर्ति बेहद कम है।
आक्सीजन सिलिंडर के लिए स्वास्थ्य विभाग से रोजाना गाड़ी मऊ जा रही है लेकिन वहां भी लोड अधिक होने के चलते आपूर्ति कम ही हो पा रही है। ऐसे में संकट गहराने लगा है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो पिछले एक पक्षवारे में जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर का कोटा तीन गुना से अधिक हो गया। जबकि पड़ोसी जिले मऊ में भी बढ़ती ऑक्सीजन की खपत के कारण जिले में रोज 25 से 30 ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने का सिलसिला जारी हो गया। लेकिन बढ़ते सांस के मरीजों के सामने यह नाकाफी साबित हो रही है।