बढ़ते कोरोना संक्रमण से हर कोई परेशान हैं और बचाव का विकल्प ढूंढ रहा है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि संक्रमण से बचने का सिर्फ एक ही रास्ता टीकाकरण है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण कराएं। करोना कफ्र्यू के बीच टीका लगवाने वालों की भीड़ रही। हालांकि टीका लगाने का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। 45 साल से ऊपर के जितने लोग पहुंच रहे थे। उन्हें टीका लगाया जा रहा था। शनिवार को टीम हिन्दुस्तान ने मंडलीय अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी अतरौलिया और पीएचसी सठियांव में चल रहे टीकाकरण का हाल जाना। वहीं रोडवेज परिसर में यात्रियों की किस प्रकार से चेकिंग की जा रही। उस प्रक्रिया को परखा गया।
मंडलीय चिकित्सालय में जहां ओपीडी बंद है। वहीं कोविड-19 का टीकाकरण चालू है। टीका लगवाने वालों का कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है। 45 साल से अधिक उम्र वाले जितनी संख्या में पहुंचे। उन्हें टीका लगाया जाएगा। शनिवार को मंडलीय अस्पताल में कोविड का टीका लगवाने वालों की भीड़ उमड़ी थी। इस दौरान लोग लाइन में खड़ा होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान कई लोग ऐसे भी दिखे। जिनके चेहरे पर मास्क नहीं था, लेकिन संक्रमण से बचने के लिए हेलमेट पहनकर लाइन में खड़े थे। जो लोग हेलमेट पहनकर लाइन में खड़े थे। उन्हें अस्पताल में आने-जाने वाला हर कोई देख रहा था।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहता। यही कारण है कि सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में कोविड के बचाव की प्रक्रिया अपनाई जा रही। शनिवार को रोडवेज परिसर में यात्रियों की भीड़ दिखी। चिलचिलाती धूप से बचने के लिए यात्री हाल में प्रवेश कर रहे थे। इसमें बस से उतरने और बस के इंतजार करने वाले यात्री शामिल थे। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रोडवेज के मुख्य गेट पर ही कर्मचारी तैनात किया गया है। जो प्रत्येक आने वाले यात्रियों का थर्मल स्कैनिंग करके तापमान नाप रहा था।